ये उत्तराखंड है जनाब, यहां मृत शिक्षक का भी कर दिया तबादला, शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के निर्देश
एक मृत शिक्षक का तबादला भी शिक्षा विभाग ने कर दिया। अब किरकिरी हुई तो शिक्षा मंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
ये उत्तराखंड है जनाब। यहां जो कुछ हो जाए वही कम है। भाषणों में राज्य तेजी से तरक्की कर रहा है। सारे राज्यों में अग्रणीय राज्य होगा। वहीं, हकीकत में हर दिन कोई ना कोई ऐसी अजीबोगरीब बात सामने आती है, जिससे दावों पर सवाल खड़े होने लाजमी हैं। हाल ही में शिक्षा विभाग में हुई तबादलों को लेकर तीन शिक्षकों की सिफारिश का सीएम आवास कार्यालय के सचिव का पत्र वायरल हुआ। अब एक मृत शिक्षक का तबादला भी शिक्षा विभाग ने कर दिया। अब किरकिरी हुई तो शिक्षा मंत्री ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।रुद्रप्रयाग जनपद में प्राथमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत मृतक शिक्षक का तबादला किये जाने पर सूबे के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सख्त रुख अपनाया है। डॉ. रावत ने सोशल मीडिया एवं समाचार पत्रों की खबरों का संज्ञान लेते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को मामले में समिति गठित कर तत्काल जांच के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने इस प्रकरण को घोर लापरवाही मानते हुये संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश महानिदेशक शिक्षा को दिये हैं।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि रुद्रप्रयाग जनपद में वार्षिक स्थानांतरण 2022-23 के तहत एक मृतक शिक्षक के तबादले का प्रकरण समाने आया है। इसमें प्रथम दृष्टया विभागीय अधिकारियों की अपने कार्य एवं दायित्वों के प्रति घोर लापरवाही प्रतीत होती है। मामले की गंभीरता को देखते हुये महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को तत्काल विभागीय समिति गठित कर तीन दिन के भीतर जांच करने कराने के साथ ही लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि मृतक शिक्षक की मौत के चार साल बाद तबादला किया जाना जिम्मेदार अधिकारियों की भारी लापवाही को दर्शाता है। जो कि बर्दाश्त किये जाने योग्य नहीं है। डॉ. रावत ने कहा इस प्रकरण की गंभीरता से जांच की जायेगी और जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि स्थानांतरण प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापवाही न बरतें। अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई अमल में लाई जायेगी।
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