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November 13, 2024

इस बर्फीले ग्रह के हैं 27 चंद्रमा, 2030 तक भेजा जाएगा स्पेसक्राफ्ट, जानिए किस ग्रह के हैं सबसे ज्यादा चंद्रमा

सौरमंडल का रहस्य जितना वैज्ञानिक खोजने का प्रयास करते हैं, उस रहस्य में और बढ़ोत्तरी हो जाती है। कई ग्रह ऐसे हैं जिनके एक दो नहीं बल्कि एक दर्जन से कहीं अधिक चांद हैं। ऐसे में ग्रहों के बारे में दिलचस्पी और बढ़ जाती है। अब अंतरिक्ष वैज्ञानिक एजेंसी नासा के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने बर्फीले ग्रह यूरेनस की पहली फोटो शेयर की है। इसमें यूरेनस की अदृश्य रिंग एकदम साफ दिख रही है। इसके अलावा उसके अब तक ज्ञात 27 चंद्रमा में से भी कई नजर आ रहे हैं। 10 अरब डॉलर की लागत से बना यह टेलीस्कोप उन चीजों को देखे में भी सक्षम हैं, जो सामान्य आंखों से नहीं दिखते। ग्रह के 13 में से 11 छल्ले भी दिख रहे हैं। यूरेनस के 9 छल्लों को पहली बार 1986 में नासा के वॉयजर-2 ने खोजा था। वहीं बाकी 4 को 2003 में हबल टेलीस्कोप के जरिए खोजा गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बर्फ से टुकड़ों से बने हैं धूल भरे छल्ले
यह धूल भरे छल्ले हैं। इस ग्रह के प्रमुख छल्ले बर्फ के टुकड़ों से बने हैं जो कई फीट के बराबर होते हैं। शनि की तुलना में इस ग्रह की रिंग पतली, संकरी और डार्क है। जेम्स वेब ने यूरेनस के 27 ज्ञात चंद्रमाओं में से भी कई की तस्वीर खींची है। कई इतने हल्के हैं, जिन्हें यहां से देखना भी संभव नहीं है। हालांकि 12 मिनट के एक्सपोजर में जेम्स वेब ने छह चमकदार चंद्रमाओं को खोज लिया है। यूरेनस अपने मोटे वातावरण के कारण नीला दिखाई देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूरेनस पर दिखती है हल्की सफेद परत
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नेतृत्व वाले शोधकर्ताओं ने इसे एरोसोल-2 परत नाम दिया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह कुछ हद तक सफेद दिखाई देता है। जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप के नियर इनफ्रारेड कैमरा के जरिए इस तस्वीर को खींचा गया था। यह बेहद हल्की रोशनी को भी पकड़ लेता है। जेम्स वेब ने हमारे सामने उन तस्वीरों को भी रखा है, जो पहले सौरमंडल में कभी नहीं देखी गईं। पिछले साल जुलाई से ही काम कर रहे जेम्स वेब ने अंतरिक्ष की सबसे दूर की फोटो खींची थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

2030 तक भेजा जाएगा स्पेसक्राफ्ट
यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मुताबिक जब वॉयजर 2 स्पेसक्राफ्ट यूरेनस के करीब से गुजरा था तो यह हल्की नीली गेंद जैसा दिखा था। लेकिन अब इन्फ्रारेड के जरिए जेम्स वेब बेहद संवेदनशील चीजों को भी देख पा रहा है। नासा वैज्ञानिकों ने हाल ही में 2030 के दशक तक यूरेनस और नेप्च्यून की जांच शुरू करने का लक्ष्य रखा है। इन दोनों ही ग्रहों के बारे में हमें बेहद कम जानकारी पता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धरती के पास एक चांद, दूसरे ग्रहों के पास कई चांद
हमारे सौर मंडल में मौजूद अलग-अलग ग्रहों के पास उनके अपने अलग-अलग चंद्रमा हैं। जैसे हमें जो चांद दिखता है, वो धरती का अपना चांद है। धरती के पास सिर्फ एक ही चांद है। लेकिन अन्य कई ग्रह हैं जिनके पास कई चांद हैं। अब तक सबसे ज्यादा चांद वाला ग्रह बृहस्पति था। अब ऐसा नहीं रहा। सौर मंडल के दूसरे ग्रह ने चांद की संख्या के मामले में बृहस्पति को पछाड़ दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस ग्रह के पास हैं 82 चांद
जब अंतरराष्ट्रीय खगोलविज्ञानी संघ ने उस ग्रह के नाम की पुष्टी की जो चांद के मामले में सबसे अमीर है। इस ग्रह के पास एक, दो या चार नहीं, बल्कि कुल 82 चांद हैं। इस ग्रह का नाम ‘शनि’ है। इससे पहले सबसे ज्यादा चांद वाला ग्रह बृहस्पति (Jupiter) था। कार्नेजी इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के खगोलशास्त्री स्कॉट एस शेफर्ड ने शनि के पास 20 नए चांद का पता लगाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब तक सौरमंडल में हुई 205 चांद की पुष्टि
नासा (NASA) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, हमारे सौर मंडल में कुल 205 चांद हैं। ये वो हैं जिनका अब तक पता चल पाया है। इनमें से 161 यानी करीब 80 फीसदी बृहस्पति और शनि के पास हैं। नासा के अनुसार, सूर्य के सबसे करीब होने और अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण बुध ग्रह के पास अपना एक भी चांद नहीं है। कोई भी चांद अगर बुध के पास हुआ तो वह उसमें क्रैश कर जाएगा या खिंच कर सूर्य की कक्षा में चला जाएगा। वहीं, अब तक इस बात का पता नहीं लगाया जा सका है कि वीनस के पास अपना कोई चांद क्यों नहीं है। जिन 20 नए चांद की खोज की गई है उनमें से हर एक चांद का व्यास (diameter) करीब 5 किमी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ग्रह का नाम——चांद की संख्या
शनि—————–82
बृहस्पति————-79
यूरेनस—————27
नेप्च्यून————–14
मंगल—————-02
पृथ्वी—————–01

 

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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