Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 12, 2024

तस्वीर में दिख रहे इस अभिनेता का दिल का दौरा पड़ने से हुआ निधन, चार मई को दी थी अंतिम प्रस्तुति

कहते हैं कि हर किसी इंसान की शक्ल वाले सात लोग होते हैं। इसमें कितनी सच्चाई है या नहीं, ये हम नहीं जानते। फिर भी कई लोगों की शक्ल किसी दूसरे से काफी हद तक मिलती है। यदि वे हावभाव भी उसी तरह करने लगें तो दूसरा धोखा खा जाएगा। ऐसे ही एक कलाकार का नाम है फिरोज खां, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे। यूपी के बदायूं शहर के कबूलपुरा निवासी अभिनेता फिरोज खां को अमिताभ बच्चन का हमशक्ल के रूप में जाना जाता रहा। 54 वर्षीय फिरोज का बृहस्पतिवार 23 मई को तड़के बदायूं में हृदयाघात से निधन हो गया। सूचना पर बड़ी संख्या में प्रशंसक उनके घर के बाहर एकत्र हो गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फिरोज खां ने 4 मई को बदायूं क्लब में आयोजित मतदाता महोत्सव में अंतिम प्रस्तुति दी थी। जिसे लोगों ने खूब सराहा था। बताया गया कि गुरुवार को उनकी तबीयत बिगड़ी। इस पर उन्हें पास का जिला अस्पताल में ले जाया गया था, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अंतिम प्रस्तुति में भी उन्होंने अमिताभ बच्चन के डॉयलाग बोलकर कर लोगों को मतदान के लिए प्रेरित किया था। बताया जाता है कि करीब डेढ़ साल पहले उनकी मां सईदा खां की तबीयत खराब हो गई थी। उस दौरान उनका बदायूं आना हुआ। इसके बाद वह मुंबई नहीं गए। फिरोज खान के दो बच्चे हैं। दोनों ही स्कूल में पढ़ते हैं। वो अपने पीछे पत्नी राणा खान और दो बच्चों को छोड़ गए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बटोरी थी काफी सुर्खियां
अमिताभ बच्चन के डुप्लीकेट फिरोज खान ने कई टीवी सीरियलों और फिल्मों में काम किया। वह ‘भाबीजी घर पर हैं!’, ‘जीजा जी छत पर हैं’, ‘साहब बीबी और बॉस’, ‘हप्पू की उल्टन पल्टन’ और ‘शक्तिमान’ में नजर आए थे। इसके अलावा वह सिंगर अदनान सामी के सुपरहिट गाने ‘थोड़ी सी तू लिफ्ट करा दे’ सहित अनेक फिल्मों में काम कर चुके थे। जानकारी के लिए बता दें कि फिरोज खान कुछ समय से बदायूं में थे, और यहां रह कर भी कई इवेंट्स का हिस्सा बने हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पान की दुकान से शुरू हुआ अभिनय
फिरोज खान की जिदंगी में बदलाव उस दिन आया, जिस दिन उन्होंने साल 1975 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म दीवार देखी। फिरोज ने बताया था कि वो बचपन से ही अमिताभ बच्चन के फैन रहे। साल 1975 में दीवार फिल्म आई, जो फिरोज ने देखी। बस वहीं से इनके स्ट्रगल और करियर की शुरुआत हुई। फिरोज ने बताया था कि मैं ‘दीवार’ फिल्म देखकर थिएटर के बाहर आया। बाहर एक पान की दुनकान थी। जहां मैंने कहा- ए… एक पान लगा भई…। ज्यादा टाइम लगाया तो साला फोड़कर रख देगा भाई…। चल लगा…। वो दुकानदार आंखें फाड़कर मुझे देखता है और सोचता है कि उसके सामने अमिताभ बच्चन खड़े हैं। वहां से उसकी एक्टिंग की शुरुआत हुई।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऐसे आया जीवन में बदलाव
इस फिल्म को देखने के बाद वह बिग बी की तरह के बोलने और चलने लगे। इसके बाद अमिताभ बच्चन से मिलने का सपना लिए फिरोज खान साल 1994 में मुंबई आ गए। मुंबई में बिग बी से मिलने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। इसके बाद फिरोज खान लंबे संघर्ष के बाद एक फिल्म के सेट पर अमिताभ बच्चन से मिल पाए थे। हालांकि तब तक उन्होंने बिग बी के हमशक्ल के तौर पर मुंबई में पहचान बना ली थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

30 साल पहले मुंबई में रखा था कदम
अमिताभ बच्चन समेत कई फिल्म अभिनेताओं की मिमिक्री और उनके जैसी एक्टिंग के लिए दुनियाभर में जाने जाने वाले फिरोज खान ने 30 साल पहले मुंबई में कदम रखा था। फिरोज खान का बचपन से ही पढ़ाई में रुझान नहीं था।
वह हमेशा फिल्म सितारों की नकल करते थे। बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के वह फैन थे। वह उनकी एक्टिंग और मिमिक्री किया करते थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पढ़ाई में नहीं लगता था मन
फिरोज का पढ़ाई में मन नहीं लगता था। नौंवी कक्षा पास करने के बाद ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। एक्टिंग के शौक को देखते हुए 1994 में परिवार वालों ने उन्हें मुंबई भेज दिया। 15-20 दिन रुकने के बाद ही वह लौट आए। करीब छह माह बाद सहसवान निवासी लाल बाबू उनसे मिले। जो अक्षय कुमार की मिमिक्री किया करते थे। फिरोज खान इनके साथ फिर मुंबई चले गए। तीन-चार साल स्ट्रगल के बाद में मराठी चैनल 123 में उनको पहला ब्रेक- थ्रू मिला। यहां से उनके करियर की शुरूआत हो गई। उनके इंस्ट्राग्राम पर एक लाख से अधिक फॉलोअर्स है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page