एक माह में कांग्रेस को तीसरा झटका, जयवीर शेरगिल ने दिया प्रवक्ता पद से इस्तीफा
1 min readजयवीर शेरगिल ने एक चिट्ठी लिखकर गांधी परिवार पर तीखा प्रहार भी किया है। शेरगिल ने पत्र में कहा है कि पार्टी के निर्णय लेने वालों की दृष्टि अब युवाओं की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है। जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे गए इस संक्षिप्त पत्र में ‘चाटुकारिता’ के बारे में भी लिखा है। उन्होंने कहा है कि, प्राथमिक कारण (त्यागपत्र देने का) यह है कि कांग्रेस में फैसले लेने वाले मौजूदा लोगों की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शेरगिल ने पत्र में लिखा है कि-इसके अलावा, मुझे यह कहते हुए दुख होता है कि फैसले अब जनता और देश के हित के लिए नहीं लिए जाते हैं, बल्कि यह चाटुकारिता में लिप्त व्यक्तियों के स्वार्थ और निजी हितों से प्रभावित होते हैं। जमीनी हकीकत को लगातार अनदेखा किया जा रहा है। यह कुछ ऐसी स्थिति है जिसे मैं नैतिक रूप से स्वीकार नहीं कर सकता या साथ में काम करना जारी नहीं रख सकता। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
39 वर्षीय जयवीर शेरगिल कांग्रेस के सबसे युवा प्रवक्ताओं में से थे. वह कुछ समय से पार्टी की मीडिया ब्रीफिंग में नहीं दिख रहे थे। शेरगिल वकील हैं और पार्टी के प्रमुख युवा चेहरों में से एक रहे हैं। कांग्रेस के दो दिग्गजों गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा के अपने गृह राज्यों में पार्टी पदों से इस्तीफा देने के बाद पार्टी में इस महीने यह तीसरा इस्तीफा है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई की स्टीयरिंग कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ दिया था। वहीं, गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर में पार्टी की प्रचार समिति का प्रमुख बनने के कुछ ही घंटों के बाद इस्तीफा दे दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आजाद कांग्रेस के ‘जी 23’ समूह के प्रमुख सदस्य हैं। यह समूह पार्टी नेतृत्व का आलोचक रहा है और एक संगठनात्मक बदलाव की मांग करते आया है। उन्होंने 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर “पूर्णकालिक और दिखने वाले नेतृत्व” के साथ संगठन को ओवरहाल करने का आह्वान किया था। आजाद को राज्यसभा से सेवानिवृत्त होने के बाद दोबारा उच्च सदन में नहीं भेजा गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस ने पिछले तीन सालों में कई नेताओं को खोया है। पार्टी में पलायन की शुरुआत ज्योतिरादित्य सिंधिया से हुई, जो अब केंद्रीय मंत्री हैं। उनके बाद यूपी के मंत्री जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी। इस साल पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह और कपिल सिब्बल ने पार्टी छोड़ दी।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।