आशाओं की बैठक में इन समस्याओं पर की गई चर्चा, पीएससी में भुगतान ना हुआ तो होगा आंदोलन
सीटू से संबद्ध उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता यूनियन आज देहरादून में पीएससी बालावाला में हुई। इसमें यूनियन की विभिन्न मांगों पर चर्चा की गई। साथ ही मांगों को लेकर संघर्ष को जारी रखने का निर्णय किया गया। इस मौके पर आशाओं की स्थानीय समस्याओं पर भी चर्चा करते हुए कहा गया है कि पीएससी में कई माह से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मानदेय नहीं दिया जा रहा है। यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया को आंदोलन किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि देहरादून में डोईवाला और रायपुर ब्लाक में कार्यरत आशाओं को करीब पांच छह माह से मानदेय नहीं दिया गया है। साथ ही उनके अन्य देयों का भुगतान भी अधर में लटका हुआ है। इसके लिए कहा जा रहा है कि बजट की कमी है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि स्वास्थ्य में बजट की कोई कमी नहीं है। फिर आशाओं के भुगतान क्यों लटकाए गए हैं। उन्होंने कहा कि यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो आंदोलन किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने युनियन की मांगों से सभी कार्यकत्रियों को अवगत कराया। साथ ही कहा कि हमें अपनी मांगों को लेकर संघर्ष को तैयार रहना होगा। यदि हम हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे तो सरकार से अधिकार मिलने की उम्मीद कम है। इस मौके पर तथा यूनियन के सेंटर अध्यक्ष चमन शर्मा, सीटू जिला अध्यक्ष कृष्ण गुनियाल ने भी विचार रखे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहीं उपस्थित
बैठक में बालावाला पीएससी से अध्यक्ष साक्षी भारद्वाज, कीर्ति यादव, यशोदा, रीता रावत, सुमित्रा शर्मा, अनीता, अंजना, सुशीला राणा, सोमती, रेशमा रानी, रजनी, मालती, गीता, मंजू, लक्ष्मी यादव, ऋतु पाठक, रीता जोशी, रेनू बिजलवाण, नीलम कैन्तुरा, पूनम भास्कर, मालती, सुमनलता, बीना, विनीता मल, चंद्रेश्वर, प्रतिमा ममगाईं, सुषमा रावत, सावित्री, शिवानी, नीलम रिजवान, लक्ष्मी आदि आशा वर्कर ने भाग लिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आशा वर्कर्स की अन्य मांगे
आशाओं को सरकारी सेवक का दर्जा दिया जाऐ, न्यूनतम वेतन 21 हजार प्रतिमाह हो, वेतन निर्धारण से पहले स्कीम वर्कर की तरह मानदेय दिया जाए, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा हो, कोविड कार्य में लगी सभी आशाओं को भत्ता दिया जाए, सेवा के दौरान दुर्घटना, हार्ट अटैक या बीमारी की स्थिति में नियम बनाए जाएं, न्यूनतम 10 लाख का मुआवजा दिया जाए, सभी स्तर पर कमीशन खोरी पर रोक, अस्पतालों में विशेषज्ञ डाक्टरों की नियुक्ति हो, आशाओं के साथ सम्मान जनक व्यवहार किया जाए आदि मांगे शामिल हैं।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।