इस दिन धरती के इस हिस्से में दोपहर में सात मिनट तक छा जाएगा अंधेरा, कई राज्यों के स्कूलों में छुट्टी, बरतें ये सावधानी
दोपहर के वक्त धरती के एक हिस्से में अंधेरा छाने वाला है। जहां सात मिनट तक ब्लैकआउट हो जाएगा और दोपहर में ही रात जैसा अनुभव होगा। इसकी तैयारी भी शुरू हो चुकी है। कई राज्यों ने इस दिन स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। साथ ही सावधानी बरतने की चेतावनी भी दी जा रही है। कारण ये है कि यदि गलती से आसमान की तरफ मुंह कर सूरज की ओर देखोगे तो हो सकता है कि आंखों की रोशनी भी चली जाए। हालांकि, भारत में ऐसा कुछ नहीं होने जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आठ अप्रैल को है साल का पहला सूर्यग्रहण
आठ अप्रैल 2024 चैत्र मास की अमावस्या के दिन पूर्ण सूर्य ग्रहण पड़ेगा। यह सूर्य ग्रहण 50 सालों बाद लग रहा है। इस दिन दोपहर के समय सूर्य को चंद्रमा कवर कर लेगा और दिन में अंधेरा छा जाएगा। ये पूर्ण सूर्य ग्रहण करीब 7 मिनट के लिए होगा। आठ अप्रैल को लगने वाले सूर्य ग्रहण के दौरान अमेरिका के कई हिस्सों में अंधेरा छा जाएगा। यही वजह है कि ग्रहण और अंधेरा होने कि वजह से सुरक्षा के तौर पर कई राज्यों में स्कूलों को बंद किया गया है। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्य ग्रहण कब और कितने बजे लगेगा
आठ अप्रैल 2024 को सोमवार के दिन को लगने वाला सूर्य ग्रहण सबसे लम्बी अवधि का ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण भारतीय समय के अनुसार 8 अप्रैल की रात में 9 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा। वहीं, अमेरिका के हिसाब से उस समय दोपहर करीब सवा 2 बजे से ग्रहण शुरू होगा। ये ग्रहण करीब साढ़े सात मिनट तक रहेगा। इस दौरान अमेरिका के कई हिस्सों में दोपहर में ही अंधेरा छा जाएगा। सूर्य ग्रहण की इतनी लम्बी अवधि 50 सालों बाद लगने जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यग्रहण का सूतककाल
यह सूर्य ग्रहण अमेरिका समेत कुछ अन्य देशों में नजर आएगा। सूर्य ग्रहण के दौरान भारत में रात होगी। इसलिए यहां सूर्य ग्रहण का कोई असर नहीं रहेगा। वहीं, इस कारण यहां पर कोई सूतककाल मान्य नहीं होगा। आप अपनी दिनचर्या के अनुसार ही सारे काम बिना किसी चिंता के कर सकते हैं। आप पूजा-पाठ, बाहर जाना, खाना बनाना आदि काम कर सकते हैं। आपके जीवन पर इस सूर्य ग्रहण का कोई असर नहीं पड़ेगा। इस कारण से भारत के लोगों को डरने की जरुरत नहीं है। लेकिन अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के लिए सूर्य ग्रहण संबंधी सूतक और दान पुण्य के नियम मान्य रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्य ग्रहण का कारण
आसान भाषा में समझें तो जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तब चांद के पीछे सूर्य का बिंब कुछ समय के लिए पूरी तरह से ढक जाता है। इस प्रक्रिया को ही सूर्य ग्रहण लगना कहते है। पृथ्वी और सूर्य के बीच में चांद के आ जाने से पृथ्वी पर रोशनी नहीं पहुच पाती है। इस कारण कुछ समय के लिए पृथ्वी का कुछ सतह दिन के उजाले में ही अंधेरा दिखने लगता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी जब एक सीधी रेखा में आ जाते हैं, तब सूर्य ग्रहण लगता है। इसके अलावा 25 अक्टूबर को भी अमावस्या है और सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दौरान ही लगता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इतने प्रकार के होते हैं सूर्य ग्रहण
अगर आपको ये बात नहीं पता तो हम आपको बताते हैं कि सूर्य ग्रहण एक नहीं, बल्कि तीन प्रकार के होते हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण, आंशिक सूर्य ग्रहण और वलयाकार सूर्य ग्रहण।
पूर्ण सूर्यग्रहण
एक सीधी रेखा में जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी होते हैं तब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है। ये सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण से बिल्कुल अलग होता है। पूर्ण सूर्यग्रहण की स्थिति तब बनती है, जब पृथ्वी का एक भाग पूरी तरह से अंधेरे में तब्दील हो जाता है। इस समय चंद्रमा, पृथ्वी के सबसे निकट होता है। जानकारी के लिए बता दें कि पूर्ण सूर्यग्रहण हर 100 साल में केवल एक बार ही होता है। आठ अप्रैल, 2024 को पूर्ण सूर्यग्रहण लगने वाला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वलयाकार सूर्य ग्रहण
चंद्रमा जब पृथ्वी से दूर होता है तब वलयाकार सूर्य ग्रहण की स्थिति बनती है। इस दौरान चंद्रमा, सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता है। इस दौरान सूर्य रिंग आफ फायर जैसा प्रतीत होता है और आकार में भी छोटा दिखाई देने लगता है।
अग्नि वलय सूर्यग्रहण
अग्नि वलय, सूर्य ग्रहण के दौरान बनता है। सूर्य का केंद्र चंद्रमा से ढक जाता है। उससे सूर्य का केवल किनारा ही दिखाई देता है और ऐसी स्थिति में सूर्य का बाहरी किनारा बिल्कुल आग के छ्ल्ले जैसा दिखाई देता है। इसी को अग्नि वलय कहते हैं। बता दें कि सभी सूर्य ग्रहणों में अग्नि वलय का निर्माण नहीं होता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कहां कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
दरअसल, पूर्ण सूर्य ग्रहण संयुक्त राज्य अमेरिका में दक्षिण में टेक्सास से लेकर उत्तर पूर्व में मेन तक दिखाई देगा। वहीं मियामी में आंशिक ग्रहण होगा, जिससे सूर्य की डिस्क का 46 भाग अस्पष्ट हो जाएगा। सिएटल में चंद्रमा मुश्किल से सूर्य का लगभग 20 प्रतिशत भाग ही ढक पाएगा। मैक्सिको, सिनालोआ, नायरिट, डुरांगो और कोहुइला, यूएस के टेक्सास, ओक्लाहोमा, अर्कांसस, वर्मोंट, न्यू हैम्पशायर , मेन और कनाडा के ओंटारियो, क्यूबेक, न्यू ब्रंसविक, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड, नोवा स्कोटिया और न्यूफाउंडलैंड में इसे अच्छे से देखा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसलिए की गई है स्कूलों में छुट्टी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सूर्य ग्रहण की वजह से सौर एनर्जी प्रॉडक्शन को ज्यादा नुक्सान पहुंचा सकती है। वहीं संयुक्त राज्य अमेरिका में सात साल से कम समय में दूसरा सूर्य ग्रहण होगा। इसके चलते हेज काउंटी, डेल वैले, मनोर और लेक ट्रैविस स्कूल जिलों ने पहले ही छुट्टी घोषित कर दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अधिकारियों की चंता
अमेरिका में यह उम्मीद जताई जा रही है कि लाखों लोग सूर्य ग्रहण को देखेंगे। इससे अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। अधिकारियों ने लोगों को ट्रैफिक जाम के प्रति आगाह किया है। साथ ही यह सलाह भी दी है कि वे सीधे सूर्य की ओर देखने से बचें। क्योंकि इससे आपकी आंखों को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा भारी भीड़ को लेकर भी काफी चिंताएं हैं। क्योंकि इससे स्थानीय संसाधनों और आपातकालीन कर्मियों पर दबाव पड़ सकता है। इसलिए अमेरिका में स्कूलों ने पूर्ण सूर्य ग्रहण पर बंद रखने की घोषणा की है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कभी अपनी खुली आंखों से ना देखें सूर्य ग्रहण
उस दिन सूर्य को देखने के लिए एक सोलर फिल्टर का उपयोग करना चाहिए। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए आपको काफी सावधानी की जरूरत है। आपको ग्रहण देखने के लिए स्पेशल चश्मा पहनना या दूरबीन में सौर फिल्टर लगाकर देखना ज्यादा बेहतर होगा। हालांकि, जब पूर्ण सूर्य ग्रहण लगे तो आप सूरज को नंगी आंखों से देख सकते है, लेकिन इसका रिस्क मत उठाएं। किसी तकनीकी तथा यंत्रों का इस्तेमाल करें और तभी सूरज को देखें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है। नंगी आखों से अगर आपने उस दिन सूरज देखा तो आपके रेटिना में जलन हो सकता है। यहां तक की आप अंधे भी हो सकते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।