राज्य आंदोलनकारियों की समस्याओं को लेकर होगा आंदोलन, तीन दिन प्रदेश सरकार के जलाए जाएंगे पुतले
धीरेंद्र प्रताप ने कहा की उत्तराखंड का गठन राज्य आंदोलनकारियों की बदौलत हुआ है। यह बड़े खेद का विषय है कि राज्य सरकार ने विपक्षी दलों को तो निशाना बनाया हुआ है, अब राज्य आंदोलनकारियों को निशाना बनाया जा रहा है। सरकार को चाहिए तो यह था कि वह राज्य आंदोलनकारियों के 10 फीसद आरक्षण को लागू करती। राज्यपाल के पास 10 फीसद आरक्षण संबंधित फाइल लंबित पड़ी है। वहीं, सरकारी नौकरी पा चुके राज्य आंदोलनकारियों को कई साल की सेवा के बाद नौकरियों से हटाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों को और उनके परिजनों को उचित पेंशन, दिल्ली और देश के हजारों अचयनित आंदोलनकारियों को चिह्नित करने की बजाय सरकार उन पर मुकदमे दर्ज कर रही है। अब आंदोलनकारी इस मामले पर चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले ही उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की थी। उनका रुख सकारात्मक है।
इसके बावजूद प्रदर्शन करने वाले आंदोलनकारियों और विपक्षी दलों पर मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। दूसरी तरफ भाजपा रैलियां कर रही है। वाराणसी में इसका उदाहरण देखा जा सकता है। यहां कोरोना के मानक क्या पीएम की रैली के कारण बदल गए हैं। उन्होंने कहा कल देहरादून में शहीद स्थल के निकट सरकार का पुतला जलाया जाएगा। इसके बाद अगले दो दिन प्रदेश भर में आंदोलन किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।