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February 8, 2025

परिसंपत्तियों को लेकर उत्तराखंड और यूपी के सीएम के बीच इन मुद्दों पर बनी सहमति, भाजपा ने बताया ऐतिहासिक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्य के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के लंबित प्रकरणों के संबंध में बैठक की।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्य के मध्य आस्तियों एवं दायित्वों के लंबित प्रकरणों के संबंध में बैठक की। इस अवसर दोनों राज्यों के परस्पर हितों को ध्यान में रखते हुए चर्चा हुई। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक में निर्णय लिया गया कि हरिद्वार स्थित अलकनंदा पर्यटक आवास गृह का लोकार्पण दिसम्बर 2021 में किया जाएगा। तत्समय पूर्व पर्यटक आवास गृह उत्तराखंड को हस्तांतरित किया जाएगा।
तय किया गया है कि किच्छा में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की बस स्टैंड की भूमि को उत्तराखण्ड को 15 दिन के अन्दर हस्तांतरित किया जायेगा। वन विभाग के अवशेष 90 करोड़ के देयकों का भुगतान भी तत्काल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उत्तराखंड को किया जायेगा। जनपद उधमसिंह नगर स्थित धौरा, बैगुल, नानक सागर जलाशय में पर्यटन एवं वाटर स्पोर्ट की अनुमति दी गई। ऊपरी गंग नहर में वाटर स्पोर्ट की अनुमति भी दी गई।
गुरुवार को बैठक में सभी प्रकरणों पर सहमति बनी है। 21 सालों से जो प्रकरण लंबित चल रहे थे, उनका निस्तारण किया गया। कुछ प्रकरणों पर 15 दिनों का समय लिया गया है। ऐसे प्रकरणों पर दोनों राज्यों द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर निस्तारण किया जायेगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि और 1700 आवासों में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के उपयोग के लिए आवश्यक भूमि एवं भवन के आकलन के लिये संयुक्त सर्वे कर शीघ्र चिन्हीकरण किया जायेगा।
दोनों राज्यों के मध्य सहमति बनी कि न्यायालयों में लम्बित विभिन्न वादों को वापस लिया जायेगा और आपसी सहमति से मामलों को हल किया जायेगा। दो बैराज भारत नेपाल सीमा पर बनबसा बैराज तथा किच्छा का बैराज जो आपदा से नुकसान के कारण जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, इन बैराजों का निर्माण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा किया जायेगा। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा उत्तराखण्ड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान करने पर सहमति बनी। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद् की उत्तराखण्ड में अवस्थित परिसम्पतियों के निस्तारण से होने वाली आय एवं देनदारियों का दोनों राज्यों को 50-50 प्रतिशत के अनुपात में बंटवारा होगा।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तराखंड की जनता की ओर से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 21 साल से जो मामले लंबित पड़े थे, सभी मांगों पर सहमति बन गई है। सभी मामले जल्द ही निस्तारित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड दोनों राज्य का आपस में बड़े एवं छोटे भाई का सबंध है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आर. के. तिवारी, उत्तराखंड से सचिव रंजीत सिन्हा, प्रमुख अभियंता सिंचाई मुकेश मोहन एवं उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
परिसम्पत्तियों पर हुए फैसले एतिहासिक और राज्य हित मेंः कौशिक
उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उत्तर प्रदेश और उतराखंड के मध्य परिसम्पत्तियो के बंटवारे को एतिहासिक और राज्य हित में स्वागत योग्य कदम बताया। उन्होंने इसके लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ और उतराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी बधाई और शुभ कामनायें दी। कौशिक ने कहा कि परिसम्पत्तियो के बंटवारे पर 21 साल से सुलझाने की दिशा में पूर्व में भी कोशिशें हुई, लेकिन हर बार कुछ मुद्दों पर ही सहमति बन पायी। राज्य के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी और यूपी के सीएम की सूझ्बूझ् से सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है जो कि राज्य के विकास में मह्त्वपूर्ण भुमिका होगी।
उन्होंने कहा कि
21 साल से लंबित पड़े मामलों पर बनी सहमति से 20 हजार करोड़ से भी अधिक संपत्ति के विवाद का समाधान हुआ है जो कि बड़ी सफलता है। सिचाई विभाग की 5700 हेक्टेयर भूमि पर दोनों राज्यों का संयुक्त रूप से सर्वे होगा। उसके बाद जमीन का वितरण होना है। इसे लेकर भी मतभेद थे। वहीं भारत नेपाल सीमा पर बनबसा का बैराज के पुनर्निर्माण तथा किच्छा के बैराज का निर्माण भी यूपी सिंचाई विभाग करवाएगा।
यूपी परिवहन निगम के द्वारा उत्तराखंड परिवहन निगम को 205 करोड़ का भुगतान की माँग भी लम्बे समय से की जा रही है। वन विभाग से संबंधित बकाये के भुगतान, हरिद्वार स्थित अलकनंदा होटल उत्तराखंड को हस्तांतरित किया करने तथा विवादित स्थानों पर वाटर स्पोर्ट्स शुरू करने की अनुमति जैसे फैसले सराहनीय है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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