भारत में क्रिप्टोकरेंसी बिल से पहले ही भारी गिरावट दर्ज, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में भारत सबसे आगे
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर काबू पाने की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है। भारत सरकार ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने की घोषणा कर दी। सरकार की ओर से इस पर घोषणा आने के बाद ही भारत में क्रिप्टो बाजार धड़ाम हो गया।
बता दें कि इस खबर के आने के बाद कल रात 11:45 बजे सभी बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी जा रही थी। Bitcoin जहां 17 फीसदी तक गिर गया था, वहीं Ethereum में 15 फीसदी की गिरावट देखी जा रही थी। मार्केट कैप के लिहाज से तीसरा सबसे बड़ा क्रिप्टो तो Tether तो 18 फीसदी तक गिर गया था।
संसद में पेश होगा बिल
सदन की कार्यवाही पर आधिकारिक दस्तावेज में आज कहा गया कि आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 का क्रिप्टोकरेंसी और विनियमन, आगामी शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाना है। यह सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है। विधेयक के जरिए कुछ अपवादों के साथ भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाएगा। उम्मीद है कि शीतकालीन सत्र के दौरान अंतिम विचार के साथ इसे पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। सरकार का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक अपनी खुद की डिजिटल करेंसी जारी करेगा। इसका उद्देश्य है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करना। निवेशकों के पैसे की सुरक्षा, निवेश क्षमता और जोखिमों के बारे में मीडिया में भ्रामक विज्ञापन लंबे समय से चिंता का विषय रहे हैं।
डिजिटल मुद्राओं के नियमन पर चर्चा करने के लिए सरकार ने सभी हितधारकों के साथ कई बैठकें की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मुद्दे पर विभिन्न मंत्रालयों और आरबीआई के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की है। 16 नवंबर को क्रिप्टो फाइनेंस के “अवसरों और चुनौतियों” पर चर्चा करने के लिए बीजेपी के जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में डिजिटल मुद्राओं पर वित्त पर पहली स्थायी समिति इस आम सहमति पर पहुंच गई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए। 8 नवंबर को सिडनी डायलॉग में मुख्य भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में समाप्त न हो।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने भी कमजोर खुदरा निवेशकों को ध्यान में रखते हुए भारत में क्रिप्टोकरेंसी के अनियंत्रित विकास के बारे में चिंता व्यक्त की है।
क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता देने वाला एल साल्वाडोर एकमात्र देश है।
भारत में सबसे ज्यादा लोगों के पास
सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक भारत के लोग हैं। 100 मिलीयन के करीब भारतीयों के पास क्रिप्टो है। इसके बाद यूएस के लोगों के पास 27 मिलीयन है। इस देश में डिजिटल करेंसी में निवेश करने वालों की भी कमी नहीं है। BrokerChoose की एक रिपोर्ट के अनुसार क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के मामले में भारत सबसे आगे है। यहां पर क्रिप्टोनिवेशकों की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। BrokerChoose एक ब्रोकर डिस्कवरी और कम्पैरिजन प्लैटफॉर्म है जिसने ये रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट कहती है कि इंडीविजुअल होल्डर्स जो क्रिप्टोकरेंसी में निवेश रखते हैं उनकी संख्या भारत में सबसे ज्यादा है। अमेरिका और रूस इस मामले में क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। क्रिप्टो ऑनरशिप रेट (यानि कि जनसंख्या के आधार पर देश में क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोग) के मामले में भारत में पांचवे नंबर पर है। मगर भारत की विशाल आबादी इसको दूसरे देशों से इस मामले में कहीं आगे ले जाती है।
क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसका उद्देश्य
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए जो बिल ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 के जरिए सरकार सेंट्रल बैंक रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करना चाहती है। इस बिल के तहत ये प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी। हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को प्रमोट करने के लिए कुछ अपवाद रखे जाएंगे। इस शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार 26 बिल पेश कर सकती है। इसके लिए 26 बिल लिस्ट किए गए हैं। इसी दौरान भारत में क्रिप्टोकरेंसी का नियमन सुनिश्चित करने वाला यह क्रिप्टो बिल भी पेश किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।