यूपीसीएल व यूजेवीएन में हुई भर्तियों व प्रबंध निदेशकों की कार्यप्रणाली की हो सीबीआई जांचः यूकेडी

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परीक्षाओं में हुई धांधली की एसआईटी जांच करवाकर बेहतरीन निर्णय लिया है। एसटीएफ ने भी सराहनीय कार्य किया है, लेकिन जो इस भर्ती धांधली में गिरफ्तार हुए हैं वे या तो अदने से कर्मचारी है या प्राइवेट कार्य करने वाले है। ऐसे में यहां सोचनीय है कि सरकारी विभागों में बैठे मुखिया क्या इन बातों से अनभिज्ञ थे या जानबूझकर अंधे बने हुए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उक्रांद नेता ने कहा कि मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है कि ऊर्जा निगमों की सहायक अभियंता व अवर अभियंता भर्ती में भी धांधली हुई है। ऐसे में सीएम को ऊर्जा निगमों के प्रबंध निदेशकों के कार्यकाल में हुई भर्ती की उच्च स्तरीय जांच करवानी चहिए। यूपीसीएल व यूजेवीएन की परीक्षाओं की भी जांच जरूरी है। क्योंकि सहायक अभियंता भर्ती में लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार का भी प्राविधान है। यदि कोई अभ्यर्थी लिखित परीक्षा नकल करके पास हुआ होगा तो साक्षात्कार में सफल नही हो पायेगा। साक्षात्कार निगमों के प्रबंध निदेशक और गठित बोर्ड द्वारा किया जाता है। ऐसे में कहीं न कहीं इन पेपर लीक मामले भर्ती हुए अभ्यर्थियों को इन निगमों के प्रबंध निदेशकों की संलिप्तता हो सकती है। इसलिए इन प्रबंध निदेशकों की कार्यप्रणाली की उच्च स्तरीय जांच आवश्यक है। भट्ट ने कहा कि इस मामले में शीघ्र ही यूकेडी का एक प्रतिनिधमंडल राज्य के मुख्यमंत्री से मिलेगा।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।