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November 10, 2024

यूपी, उत्तराखंड, पंजाब और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव टलने के आसार कम

देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरों के बावजूद उत्तराखंड, यूपी और पंजाब सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव टलने के आसार कम हैं। हालांकि यूपी और उत्तराखंड में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है, लेकिन ये बात समझ से परे है कि दिन में राजनीतिक रैलियां हो रही हैं।

देश में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरों के बावजूद उत्तराखंड, यूपी और पंजाब सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव टलने के आसार कम हैं। हालांकि यूपी और उत्तराखंड में नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है, लेकिन ये बात समझ से परे है कि दिन में राजनीतिक रैलियां हो रही हैं। ऐसे में नाइट कर्फ्यू का औचित्य ही क्या है। राजनीतिक रैलियों में लोग मास्क तक नहीं लगाते हैं। इसमें लाखों की भीड़ जुट रही है। उत्तराखंड में ही अब 30 दिसंबर को हल्द्वानी में पीएम मोदी की रैली है। रात को कर्फ्यू का औचित्य इसलिए भी समझ नहीं आता कि उत्तराखंड में वैसे भी सर्दियों में लोग जल्दी घरों में दुबक जाते हैं। जो भी भीड़ होती है, वो दिन के समय होती है।
सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी कि यूपी और अन्य राज्यों में चुनाव नहीं टाले जाएंगे। हालांकि कुछ दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी पीएम मोदी से रैलियों पर रोक लगाने और चुनाव आयोग से कोरोना के बढ़ते खतरे के मद्देनजर चुनाव की तिथि कुछ आगे बढ़ाने का आग्रह किया था। चुनाव आयोग संभवत: संविधान के अनुसार, चुनाव के अपने कार्यक्रम पर टिका रहेगा। देश में ओमिक्रॉन के केस बढ़ने के बीच चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के मुद्दे पर केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सचिव के साथ बैठक की थी।
सूत्र बताते हैं कि आयोग की ओर से वैक्‍सीन कवरेज और विधानसभा चुनाव वाले राज्‍यों में ओमिक्रॉन के केसों से जुड़े डिटेल मांगे गए थे। चुनाव आयोग ने ओमिक्रॉन के बढ़ते प्रकोप के साये में चुनाव के चलते सख्‍त कोविड प्रोटोकॉल की जरूरत पर भी चर्चा की थी। आयोग की टीम चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर कल यूपी का दौरा करेगी। इस दौरान आयोग अर्धसैनिक बलों के प्रमुखों के साथ मुलाकात करते चुनाव के दौरान नियुक्‍त किए जाने वालों बलों के बारे में भी चर्चा करेगा। ऐसे में चुनाव टलने के आसार कम हैं। वहीं, राजनीतिक रैलियों में भीड़ जुटेगी और आगामी खतरे की घंटी भी बज सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यदि स्थिति बिगड़ी तो संभालना मुश्किल हो जाएगा।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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