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June 24, 2025

कैबिनेट में क्रिप्टोकरेंसी और बैंकिंग लॉ बिल पर चर्चा की संभावना कम, कुछ बदलाव के कारण अब हो सकती है देरी

क्रिप्टोकरेंसी बिल आने में थोड़ी और देरी हो सकती है। जानकारी थी कि बिल के ड्राफ्ट को बुधवार को कैबिनेट के सामने रखा जाएगा, लेकिन अब खबर आई है कि सरकार आज इसे कैबिनेट में नहीं रखेगी। अभी इसमें और बदलाव किए जा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि सरकार क्रिप्टो बिल को लाने में हड़बड़ी नहीं करना चाहती है। यह भी खबर आ रही है कि सरकार ने क्रिप्टो पर नियम-कानूनों को ग्लोबल फ्रेमवर्क के अनुरूप रखने को कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में क्रिप्टोकरेंसी बिल और बैंकिंग लॉ बिल 2021 पर चर्चा होने की संभावना कम है। कैबिनेट बैठक में आज सेमीकंडक्टर पॉलिसी को कैबिनेट की मंजूरी मिलने की संभावना है। सेमीकंडक्टर के लिए 76,000 करोड़ रुपये का इन्सेंटिव मिल सकता है। तीन तरीके से इन्सेंटिव देने का प्रस्ताव है। आज दोपहर बाद तीन बजे कैबिनेट और सीसीईए की बैठक होगी।
कैबिनेट बैठक में आज बैंकिंग कानून विधेयक 2021 और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल आज कैबिनेट के एजेंडे शामिल नहीं है। संसद सत्र अगले हफ्ते समाप्त हो रहा है। अगर आज कैबिनेट में मंजूरी नहीं मिलती है तो इस सत्र में बिल आने की संभावना काफी कम रह जाएगी। आपको बता दें कि बैंकिंग कानून विधेयक लाने की तैयारी की जा रही है। विधेयक में पीएसयू बैंकों के निजीकरण का प्रावधान है। वहीं, इसके विरोध में बैंक कर्मचारी प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने 16 और 17 दिसंबर को हड़ताल का आह्वान भी किया है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के प्रस्तावित फ्रेमवर्क पर विचार कर रही है। इसका मतलब ये समझा जा रहा है कि संसद के इस शीतकालीन सत्र में संभवत: ये बिल पेश नहीं किया जाएगा। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जिन मुद्दों पर बहस चल रही है, उनमें व्यापक परामर्श की जरूरत और जनता से टिप्पणियां प्राप्त करने की आवश्यकता भी शामिल है। इसी के साथ ही इस पर भी बहस की जरूरत है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा पेश किए जाने वाले सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को इस बिल का हिस्सा बनाया जाना चाहिए या इसे RBI एक्ट के तहत हैंडल किया जाए।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन सुनिश्चित करने की कवायद
इकॉनोमिक्स टाइमस की एक खबर के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि उच्चतम स्तरों पर कई दौर की चर्चाओं के बाद यह महसूस किया गया कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा कानून वैश्विक ढांचे के अनुरूप होना चाहिए, जो कि अभी भी विकसित हो रहा है। इसके अलावा, यह भी महसूस किया गया था कि सरकार मौजूदा कानूनों और विनियमों पर विचार कर सकती है, ताकि उपभोक्ता संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके और इस बीच क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर कर लगाया जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा होस्ट की गई लोकतंत्र के लिए समिट में सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी के लिए वैश्विक मानदंडों को आकार देने के लिए एकजुट प्रयासों का आह्वान किया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनका उपयोग लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए किया जाए न कि इसे कमजोर करने के लिए।
दो बैंकों के निजीकरण का प्रस्ताव
केंद्र सरकार जल्द ही 2 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण कर सकती है। संसद के शीतकालीन सत्र में बैंकिंग कानून विधेयक 2021 लाने की तैयारी की जा रही है। दो सरकारी बैंकों को प्राइवेट करके सरकार इनमें अपनी न्यूनतम हिस्सेदारी घटाकर 26 फीसदी कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल फरवरी में 2021-22 का बजट पेश करते हुए विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों (PSB) के प्राइवेटाइजेशन की घोषणा की थी। चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार बैंकिंग कानून विधेयक 2021 के तहत पीएसबी में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से घटाकर 26 फीसदी कर सकती है। इस विधेयक को पेश करने के समय के बारे में अंतिम फैसला कैबिनेट करेगा। हालांकि, आज होने वाली कैबिनेट बैठक में बैंकिंग कानून विधेयक पर चर्चा नहीं होगी। सरकार ने पहले ही इन दो बैंकों के नाम की सिफारिश कर दी है, जिनका निजीकरण किया जाना है। इनमें इंडियन ओवरसीज बैंक सबसे मुख्य दावेदार है। इसके साथ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का नाम भी इसमें आता है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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