Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 23, 2024

यहां है शराब का भंडार, सौ करोड़ साल तक एक व्यक्ति हर रोज पी सकता है तीन लाख लीटर, जानिए लाने में क्या है दिक्कत

इस ब्रह्मांड के रहस्यों को दुनिया भर के वैज्ञानिक जितना जानने की कोशिश करते हैं, उतनी ही रोचक जानकारी सामने आती है। अब अगर हम आपको कहें कि यदि इस धरती के हर इंसान को इतनी शराब दे दी जाए कि वह सौ करोड़ साल तक हर दिन तीन लाख लीटर शराब पीए, तो सबसे पहले सवाल ये आएगा कि इतनी शराब कहां से जाएगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसा संभव तो है, लेकिन ऐसा कर पाने में दो दिक्कतें हैं। पहली शराब का यह भंडार बहुत दूर है और दूसरी दिक्कत है कि इसमें मेथेनॉल की मात्रा बहुत ज्यादा है, जो जहरीली शराब के रूप में पहचानी जाती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रह्मांड में तैर रहा है शराब का विशाल बादल
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, धरती से लगभग 10 हजार प्रकाश वर्ष की दूरी पर हमारी मिल्की वे गैलेक्सी के केंद्र के पास एक शराब का विशाल बादल तैर रहा है। यह एक्विला सोलर सिस्टम के पास है। एल्कोहल के इस तैरते बादल की लंबाई चौड़ाई हमारे पूरे सौर मंडल (जिसमें सूर्य तथा सभी नौ ग्रह शामिल हैं) से भी लगभग एक हजार गुणा (लगभग 488 अरब किलोमीटर) बड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब तक का सबसे बड़ा अल्कोहल अणु
अंतरराष्ट्रीय स्पेस एजेंसी नासा ने इसके बारे में दुनिया को बताया कि ये अल्कोहल सूक्ष्म आणविक के रूप में मौजूद है। सबसे बड़ी बात की स्पेस में प्रोपेनॉल के रूप में यह अब तक का सबसे बड़ा अल्कोहल अणु खोजा गया है। हालांकि, ये पीने योग्य बिल्कुल नहीं है और पृथ्वी से ये इतनी दूर है कि इसे लाने के बारे में अभी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। साथ ही इस खुलासे ने एक बात जरूर साबित कर दिया कि अंतरिक्ष में अभी ऐसी बहुत सी चीजें हैं, जिनके बारे में इंसान सोच भी नहीं सकते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ब्रह्मांड में छिपे हैं कई रहस्य
हमारा ब्रह्मांड अनंत है। ना इसका कोई छोर है, ना इसका कोई मध्य है। वहीं हमारा ब्रह्मांड कई अजीबो-गरीब रहस्यों से भरा हुआ है। हम हमारे ब्रह्मांड को जितना समझने की कोशिश करते हैं। उतना ही और इसके बारे में जानकार हैरान-परेशान हो जाते हैं। हमारे ब्रह्मांड में अरबों खरबों ग्रह हैं। इन सभी ग्रहों की अलग -अलग खूबियां हैं। यहां कोई ग्रह हीरों से बना हुआ है तो, कोई ग्रह तारकोल से भरा हुआ है। एक ग्रह ऐसा है जहां धरती के महासागरों से 140 खरब गुना ज्यादा पानी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अरबों लीटर शराब का भंडार
शराब का यह भंडार हमारी आकाशगंगा के केंद्र से 390 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद है। जो व्यास में 463,000,000,000 किलोमीटर और आश्चर्यजनक रूप से, इसमें 10 बिलियन लीटर अल्कोहल है। इस ग्रह का एक बादल पूरा का पूरा इथाइल आल्कोहोल से बना हुआ है। इसमें अरबों लीटर शराब का भंडार मौजूद है। इसी ग्रह में शराब का महासागर भी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कहां मिला है ये अल्कोहल
नासा के मुताबिक, ये अल्कोहल सितारों के पैदा होने वाले क्षेत्र सैगिटेरियस B2 में पाए गए हैं। ये क्षेत्र हमारी आकाशगंगा के केंद्र के करीब ही है। दरअसल, इस क्षेत्र के करीब ही हमारी आकाश गंगा का एक बड़ा ब्लैकहोल है। वहीं इसकी दूरी की बात करें तो ये हमारी पृथ्वी से 170 प्रकाश-वर्ष दूर है। आपको बता दें इस क्षेत्र की खोज अटाकामा लार्ज मिलिमीटर, सबमिलिमीटर एरे टेलीस्कोप द्वारा साल 2016 में की गई थी। इसके बाद नासा इस पर नजर बनाए हुए है और यहां की सभी गतिविधियों को नोट कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

32 तरह के केमिकल हैं शामिल
एल्कोहल का यह बादल धनु B2 से 100 क्वाड्रिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अब तक प्राप्त डेटा के अनुसार इसमें कुल 32 अलग-अलग केमिकल भी शामिल हैं, जिनमें से कुछ इंसानों के लिए जानलेवा है। वैज्ञानिक इस खोज से अतिउत्साहित हैं। इन बादलों के जरिए तारों के निर्माण को समझा जा सकता है और ब्रह्मांड में जीवन किस तरह पनपता है, उसे समझा जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एक्सपर्ट्स की राय
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया के एस्ट्रोकेमिस्ट रॉब गैरोड इसे बेहद अनोखा मानते हैं। उनका कहना है, ‘प्रोपेनोल के दोनों रूपों का एक साथ मिलना बड़ी बात है और यह प्रत्येक के गठन को निर्धारित करने में विशिष्ट रूप से शक्तिशाली है। ऐसा इसलिए कहा जा सकता है क्योंकि दोनों में बहुत ज्यादा समानता है, जिसका अर्थ है कि दो अणु एक ही समय में एक ही स्थान पर मौजूद होने चाहिए। दरअसल, ऐसी कोई क्रिया जल्दी स्पेस में देखने को नहीं मिलती। खासतौर से मिथाइल अल्कोहल, या मेथनॉल (CH3OH) का कहीं मिलना बड़ी बात है। इसके अध्ययन से वैज्ञानिक ग्रहों के निर्माण और उनके खत्म होने की प्रक्रिया को समझ पाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसलिए महत्वपूर्ण है यह खोज
नेशनल रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्ज़र्वेटरी के बैरी टर्नर का दावा है कि ये अल्कोहल बादल हमें यह समझने में बेहतर मदद कर सकते हैं कि ब्रह्मांड में जीवन कैसे विकसित हो सकता है। एल्कोहल एक कार्बनिक पदार्थ है, माना जाता है कि पृथ्वी पर जीवन के विकास में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। ऐसे में संभव है कि यह अन्य ग्रहों पर भी जीवन के विकास के लिए जरूरी केमिकल्स का निर्माण कर रहा हो।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page