उत्तराखंड में भर्ती घोटालों को छुपाने की हो रही है साजिशः हरीश रावत

हरीश रावत ने सोशल मीडिया में पोस्ट डाली और इसमें कहा कि-उत्तराखंड और उत्तराखंड की नियोजित पत्रकारिता धन्य हो। मामला था एक सिंडिकेट और सुनियोजित तरीके से राज्य की राजकीय सेवाओं में धन लेकर लोगों को भर्ती कर रहा था, एक गंभीर रोग और अब सारा उत्तराखंड सिमट आया है विधानसभा में नियुक्तियों को लेकर। उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के बयान की सराहना करता हूं। सारी नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और मैं मुख्यमंत्री जी से आग्रह करना चाहूंगा कि इन नियुक्तियों की अपने स्तर पर भी स्कैनिंग करें। जो नियुक्ति नियम और विधि विधान के विरुद्ध हुई है, उन नियुक्तियों को विधानसभा प्रस्ताव पारित करके कैंसिल करे। ताकि किसी भी अध्यक्ष को भविष्य में इस तरीके के दर्द कदम उठाने की हिम्मत न पड़े। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग कह रहे हैं कि मैं चुप क्यों हूँ। इसको चीख-चीखकर के कह रहे हैं, जैसे इस समय जो माफिया तंत्र सिंडिकेट राजकीय सेवाओं की बिक्री कर रहा है, वह प्रमुख अपराधी नहीं है। फोकस हरीश रावत पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने मदद जरूर की है, लेकिन मैंने नौकरी में किसी के हक को नहीं मारा है। विधानसभा में भी जिसको प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा है कि परंपरा है, मैंने उसका पालन किया है। मैंने उस परंपरा का भी कभी फायदा नहीं उठाया। यदि है कोई ऐसा व्यक्ति तो बताएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि मैं अपने पार्टी के महत्वपूर्ण कार्य से दिल्ली में हूं। हमारी पार्टी के सामने बहुत चुनौतीपूर्ण स्थितियां हैं और मुझे जो कुछ भी भर्ती घोटाले पर कहना था, मैं कह चुका हूं। मैं ऐसा नहीं चाहता कि भर्ती घोटाला मामला तो कहीं और चला जाए और दंड मिल जाए उन लोगों को जो लाइन लगाकर के नौकरी के लिए खड़े हैं। उन्होंने कहा कि मुझे अपनी राजनीति न ही चमकानी है। क्योंकि मैं किसी चैनल में नहीं हूं कि जिसमें ब्रेकिंग न्यूज़ बनानी है। मैं ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहता हूं, जिससे नौजवानों की कमर टूटे। उन्होंने आरोप लगाया कि नियुक्ति सिंडिकेट के अकाओं से ध्यान हटाने के लिए मुद्दे को भटकाया जा रहा है।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।