Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 20, 2024

Video:फिर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान ने तीर्थ पुरोहितों को उकसाया, गंगोत्री में निकाला जुलूस, फूंका पुतला

1 min read
देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज का गुस्सा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान से फिर सातवें आसमान पर पहुंच गया है।

 उत्तराखंड में देवस्थानम बोर्ड का विरोध कर रहे तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज का गुस्सा कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के बयान से फिर सातवें आसमान पर पहुंच गया है। गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों ने सतपाल महाराज के खिलाफ नारे लगाते हुए जुलूस निकाला। साथ ही कैबिनेट मंत्री का पुतला दहन किया। ये गंगोत्री के इतिहास में दूसरी बार है कि जब किसी मंत्री का वहां पुतला फूंका गया है। इससे पहले भी तीर्थ पुरोहित महाराज का पुतला दहन कर चुके हैं।
सतपाल महाराज का बयान
समाचार पत्रों में सतपाल महाराज का बयान देवस्थानम बोर्ड को लेकर प्रकाशित हुआ है। महाराज ने कहा कि जब लोग देवस्थानम बोर्ड के बिल की वास्तविकता को समझ जाएंगे तो इसकी तारीफ करेंगे। उन्होंने पत्रकारों से कहा था कि लोग देवस्थानम बोर्ड को समझ नहीं पा रहे हैं। साथ ही आग्रह किया कि इसे लोग समझें। उन्होंने कहा कि सरकार बोर्ड के बिल को छपवा रही है। ताकी लोग इसे समझें। साथ ही कहा था कि बोर्ड बनने के बाद तीर्थ पुरोहितों के हक हकूक स्पष्ट किए गए हैं। साथ ही उन्होंने हिमाचल प्रदेश का उदाहरण दिया था। ये भी कहा था कि गंगोत्री और यमुनोत्री की व्यवस्थाएं कमेटियों की ओर से चलाने पर वहां अवस्थापना सुविधाओं का विकास नहीं हो रहा है।
तीर्थ पुरोहितों का गुस्सा फूटा
शनिवार को सतपाल महाराज के देवस्थानम बोर्ड को समाप्त न करने संबंधी वक्तव को लेकर तीर्थ पुरोहितो का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। तीर्थ पुरोहित व व्यापारी गंगोत्री मंदिर परिसर में एकत्र हुए और वहां से महाराज के पुतले के साथ रैली निकाली गई। इस दौरान बस स्टैंड में सतपाल महाराज का पुतला दहन किया गया। प्रदर्शन करने वालों में मंदिर समिति के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित, व्यापार मंडल, साधु संत, गंगोत्री धाम में निवास करने वाले लोग मौजूद रहे। इनमें प्रमुख रूप से राकेश, गणेश, दिनेश, अतर सिंह, मंदराचल, नरेश, कामेश्वर प्रसाद, सुमेश, नीरज सेमवाल आदि शामिल थे।

ये है मामला
बता दें कि वर्ष 2020 में सरकार ने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। उस समय भी तीर्थ पुरोहित व हकहकूकधारियों ने सरकार के फैसले का कड़ा विरोध किया था। इसके बावजूद तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने फैसले से पीछे नहीं हटे। वहीं, गंगोत्री में पिछले साल भी निरंतर धरना होता रहा। केदारनाथ और बदरीनाध धाम में तो बोर्ड ने कार्यालय खोल दिए, लेकिन गंगोत्री में तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते कार्यालय तक नहीं खोला जा सका।
उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन होने के बाद सत्ता संभालते ही पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने देवस्थानम बोर्ड के फैसले पर पुनर्विचार करने की बात कही थी। तीरथ सिंह रावत के बाद पुष्कर धामी सीएम बने और उन्होंने इस संबंध में अभी कोई ठोस निर्णय नहीं लिया। सिर्फ कहा कि तीर्थ पुरोहितों के पक्ष में सरकार बेहतर कर रही है। ऐसे में तीर्थ पुरोहित लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
गंगोत्री से सत्येंद्र सेमवाल की रिपोर्ट।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *