मुझे चीनी पत्रकार बोलेने बाली ट्रोल आर्मी देख ले आंकड़ों की सच्चाई, तुम्हारे बहिष्कार का ड्रामा सिर्फ नाटक
अब तो ये देखा जा रहा है कि जो भी कोई सरकार की नीतियों को लेकर सवाल उठाए, उसे ट्रोल आर्मी कोई भी संज्ञा दे देती है। किसी को पाकिस्तानी कहा जाता है तो किसी को चीनी। अपनी एक ही ऐसी वीडियो में मेरी नजर पड़ी, जिसके कमेंट में कुछ ने चीनी पत्रकार लिखा था। ऐसे लोगों का धन्यवाद। जिस विषय पर मुझे कुछ लिखने या बोलने का आइडिया नहीं था, वह उन्होंने दे दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अक्सर हम देखते हैं कि दीपावली का त्योहार शुरू होते ही एक ट्रोल आर्मी चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चला देती है। ये मुहिम सोशल मीडिया तक सीमित रहती है, कई बार तो कुछ लोग किसी सड़क या चौराहे पर एकत्र होकर चीन का पुतला फूंकते हैं और मीडिया की कवरेज में बने रहने के लिए फोटो खिंचवाते हैं। वहीं, हकीकत कुछ और है। सच्चाई ये है कि लोगों को इसमें उलझाकर रखो। ताकि, बेरोजगारी, सीएजी की रिपोर्ट, भ्रष्टाचार, शिक्षा, महंगाई और गरीबी पर कोई सवाल नहीं पूछे। गरीबी का आलम ये है कि 81 करोड़ लोग मुफ्त के राशन पर निर्भर हैं। भूखमरी वाले 125 देशों में भारत 111वीं रैंकिंग पर है। इइसे पहले वर्ष 2022 में ये रैंकिग 107वीं थी। फिर भी आंकड़ों में हम तरक्की कर रहे हैं। लोगों के दिमाग में इतना गोबर भर गया है कि वे सवालों की बजाय, सवाल पूछने वालों को ही गालियां देने पर उतारू हैं। (अगले पैरे में वीडियो के जरिये समझिए पूरा समाचार)
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।