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November 16, 2024

बंगाल के तीनों दिग्गजों ने पद्म पुरस्कार लेने से किया इनकार, तीनों ने बताई ये वजह

केंद्र सरकार की सम्मान सूची में शामिल बंगाल के सभी तीन हस्तियों ने पद्म पुरस्कार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसे केंद्र की भाजपा सरकार को एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है।

केंद्र सरकार की सम्मान सूची में शामिल बंगाल के सभी तीन हस्तियों ने पद्म पुरस्कार को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इसे केंद्र की भाजपा सरकार को एक बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। खासकर पश्चिम बंगाल में भाजपा को पिछले साल चुनावी हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर आलोचक रहे पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य मंगलवार को ही इस सम्मान को स्वीकार करने से मना करने वाले सबसे पहले व्यक्ति थे। इसके बाद राज्य के दो प्रख्यात कलाकारों, तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी और प्रख्यात गायिका संध्या मुखोपाध्याय ने भी पद्म पुरस्कार को ठुकरा दिया है।
आठ दशकों तक गायन करियर रखने वाली 90 वर्षीय संध्या मुखोपाध्याय ने चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री को यह कहते हुए लेने से इनकार कर दिया कि यह उनके कद के किसी व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि एक जूनियर कलाकार के लिए उपयुक्त है। मुखोपाध्याय की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि जब दिल्ली से पुरस्कार के लिए फोन आया, तो उनकी मां ने वरिष्ठ अधिकारी से कहा कि उन्हें इस उम्र में पुरस्कार की पेशकश पर “अपमान” महसूस हुआ।
सेनगुप्ता ने कहा, “पद्म श्री एक जूनियर कलाकार के लिए अधिक योग्य हैं, न कि ‘गीताश्री’ संध्या मुखोपाध्याय के लिए। ऐसा उनके परिवार और उनके गीतों के प्रेमियों को महसूस होता है। बंगाल के बेहतरीन गायकों में से एक, संध्या मुखोपाध्याय ने 2011 में पश्चिम बंगाल का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “बंग विभूषण” प्राप्त किया था, और 1970 में बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था।

पंडित रविशंकर, उस्ताद अमजद अली खान और उस्ताद अली अकबर खान जैसे उस्तादों के साथ काम कर चुके पंडित अनिंद्य चटर्जी ने भी कहा कि उन्होंने पुरस्कार के लिए दिल्ली से फोन आने पर इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। साल 2002 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रख्यात तबलावादक चटर्जी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा कि मैंने विनम्रता से मना कर दिया। मैंने धन्यवाद कहा, लेकिन मैं अपने करियर के इस चरण में पद्म श्री प्राप्त करने के लिए तैयार नहीं हूं। मैंने उस चरण को पार कर लिया है।

कल बुद्धदेव भट्टाचार्य, जिन्हें तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया जाना था, उन्होंने भी तुरंत एक बयान जारी कर इस सम्मान को अस्वीकार किया। बंगाली में जारी इस बयान में कहा गया है कि-मैं पद्म भूषण के बारे में कुछ नहीं जानता। किसी ने मुझे इसके बारे में कुछ नहीं बताया। अगर वास्तव में उन्होंने मुझे पद्म भूषण दिया है, तो मैं इसे अस्वीकार करता हूं। आपको बता दें कि प्रोटोकॉल के तहत, पुरस्कार विजेताओं को अग्रिम रूप से पुरस्कार के बारे में सूचित किया जाता है और सूची की घोषणा उनके द्वारा पुरस्कार को स्वीकार किए जाने के बाद ही की जाती है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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