उत्तराखंड में राज्य निर्वाचन आयोग ने उड़ाई पंचायत चुनाव में नियमों की धज्जियांः सूर्यकांत धस्माना

उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने आरोप लगाया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनावों में नियमों को तार तार कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि शहरी निकाय और ग्रामीण पंचायतों में दोनों सूचियों पर नाम दर्ज वाले प्रत्याशियों को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इस सुनवाई और उसके बाद आदेश जारी होने तक हाईकोर्ट ने निर्वाचन आयोग को ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित ना करने को कहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि दो दो जगह की मतदाता सूची में नाम दर्ज होने वाले प्रत्याशियों को लेकर उन्होंने भी मांग की थी कि उन्हें चुनाव चिह्न आवंटित ना किे जाएं। साथ ही दो दो जगह सूचियों में नाम दर्ज वाले प्रत्याशियों को पंचायत चुनाव में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई। धस्माना ने कहा कि प्रदेश में गतिमान त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को राज्य निर्वाचन आयोग ने मजाक बना कर रख दिया। पूरी चुनावी प्रक्रिया को सत्ताधारी भाजपा के अनुकूल बनाने के लिए सारे नियम और कायदों की धज्जियां उड़ा के रख दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने बीती 23 जून को बाकायदा राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्हें सौंपे गए मांगपत्र पर स्पष्ट रूप से यह आशंका जाहिर की थी कि भाजपा ने ऐसे लोगों को चुनावों में विभिन्न पदों पर उतरने की तैयारी की है, जिनके नाम निकाय चुनावों में और अब पंचायत चुनावों की वोटर लिस्ट में हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मांग पत्र में कहा गया था कि अनेक लोगों के दो दो जिलों में भी नाम दर्ज हैं। ऐसे लोगों को चुनाव में पंचायती राज अधिनियम के तहत अयोग्य करने के आदेश पीठासीन अधिकारियों को स्पष्ट रूप से दिए जाएं। इसके बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग ने ठीक इसके विपरीत यह आदेश जारी कर दिया कि ऐसे प्रत्याशियों के नामांकन इस आधार पर रद्द न किए जाएं, जिनके दो दो जगह नाम दर्ज हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने बताया कि इन्हीं आदेशों के विरुद्ध उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया। इसके चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई। राज्य निर्वाचन आयोग की इस धींगामुशती व कानून व नियम विरुद्ध कार्य करने के आधार पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही राज्य के राज्यपाल से मुलाकात कर राज्य निर्वाचन आयुक्त को तत्काल उनके पद से बर्खास्त करने की मांग करेगा।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।