संस्कृत कुंभ में बोले वक्ता-संस्कृत भाषा के अनुकरण से ही बनेगा भारत पुनः विश्व गुरु

संस्कार परिवार सेवा समिति देहरादून की ओर से हरिद्वार के सप्त सरोवर में स्थित देवभूमि दिव्य ग्राम महाकुंभ शिविर में आज संस्कृत कुंभ का आयोजन किया गया। इस दौरान संस्कृत जगत के विद्वानों ने एक स्वर में कहा कि संस्कृत भाषा के अनुकरण से ही बनेगा भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा।
भारत माता मंदिर के महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज के सानिध्य में आयोजित संस्कृत कुंभ का श्रीगणेश दीप प्रज्वलन के साथ उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति वर्तमान में प्रति कुलपति पतंजलि विश्वविद्यालय महावीर अग्रवाल ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया। प्रोफेसर अग्रवाल ने महाकुंभ के अवसर पर संस्कृत कुंभ के आयोजन की सराहना करते हुए देववाणी संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन पर जोर देते हुए लोगों से संस्कृत भाषा के अध्ययन का आह्वान किया।
उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के उपाध्यक्ष प्रोफेसर प्रेमचंद शास्त्री जी ने कहा जिस प्रकार जर्मनी की पहचान जर्मन से फ्रांस की पहचान फ्रेंच से है, उसी प्रकार भारत की पहचान संस्कृत से है। उन्होंने लोगों का आह्वान किया अपनी पहली भाषा के रूप में संस्कृत को अपनाएं संस्कृत से ही भारत पुनः विश्व गुरु बनेगा।
महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज ने कहा उन्होंने बचपन से ही संस्कृत से जुड़े विद्वानों की सेवा की है उसी सेवा का प्रतिफल है। उन्हें महामंडलेश्वर जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन होने का अवसर मिला। निर्धन निकेतन के परमाध्यक्ष ऋषि राम कृष्ण महाराज ने कहा देववाणी संस्कृत को जन-जन की भाषा बनाने के लिए और अधिक प्रयासों की जरूरत है सामूहिक प्रयासों से ही संस्कृत भाषा को उसका गौरवशाली स्थान हम दिला सकते हैं।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर प्रकाश चंद पंत असिस्टेंट प्रोफेसर उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय हरिद्वार ने किया। संस्कार परिवार के परमाध्यक्ष आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी ने आए हुए सभी अतिथियों का माल्यार्पण, अंगवस्त्र और पवित्र गंगा कलश भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कुंभ के अवसर पर इसी प्रकार से 12 आयोजन किए जा रहे हैं। 25 मार्च को कला कुंभ, 28 मार्च को युवा कुंभ के आयोजन हो चुके है।आगामी 3 अप्रैल को आयुर्वेद कुंभ, 4 अप्रैल को योग कुंभ, 7 अप्रैल को काव्य कुंभ, 10 अप्रैल को वेद कुंभ होगा। इस अवसर पर डॉ मथुरा दत्त जोशी, डॉक्टर तारा दत्त अवस्थी, वेद ऋषि नवीन उप्रेती, आचार्य दीपक शर्मा, भगवती जोशी आदि उपस्थित रहे।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।