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April 19, 2025

कर्णप्रयाग में रेल प्रोजेक्ट की टनल की सुरक्षा दीवार धंसी, सड़क का हिस्सा भी दरका

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में बरसात में भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन टनल की सुरक्षा दीवार भी पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आ गई।

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में बरसात में भूस्खलन की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन टनल की सुरक्षा दीवार भी पहाड़ी से हुए भूस्खलन की चपेट में आ गई। ये भूस्खलन कर्णप्रयाग में सिवई के पास हुआ। सुरक्षा दीवार का लगभग 15 मीटर हिस्सा दरक गया। ऐसे में टनल पर निर्माण कार्य बंद करना पड़ा। इस भूस्खलन के चलते टनल के ऊपर से गुजर रहे मोटर मार्ग का 25 मीटर हिस्सा भी दरक गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बताया जा रहा है कि टनल का ऊपरी तथा निचला हिस्सा पूरी तरह सुरक्षित है। प्रारंभिक तौर पर जानकारी आ रही है कि टनल के ऊपरी क्षेत्र में मोटर मार्ग और पहाड़ी से वर्षा के पानी के साथ काफी मलबा टनल के मुहाने पर आया। इसकी वजह से टनल के मुहाने वाले हिस्से से भू-धंसाव की स्थिति पैदा हुई है। कर्णप्रयाग से सात किलोमीटर दूर निर्माणाधीन गौचर (रानो) रेल टनल का निर्माण किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भू-विज्ञानी और रेलवे के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद फिलहाल निर्माण कार्य रोक दिए हैं। धंसाव वाले स्थान का ट्रीटमेंट करने के बाद ही यहां काम शुरू किया जाएगा। सेवई ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट का अंतिम स्टेशन है। इससे पहले लगभग सवा छह किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जा रही है। यह टनल प्रोजेक्ट की अन्य टनल की तुलना में बड़ी है। इसकी गोलाई 22 मीटर है। इस टनल के बाद सेवई में रेलवे स्टेशन प्रस्तावित है। इसीलिए इस टनल में तीन रेल ट्रैक बिछाए जाने हैं। इसको देखते हुए टनल की ऊंचाई और चौड़ाई अन्य के मुकाबले 10 मीटर अधिक है। उन्होंने बताया कि सेवई की ओर से 223 मीटर टनलिंग का काम पूरा हो चुका है। बताया कि वर्तमान परिस्थितयों में निर्माण कार्य तत्काल शुरू नहीं किया जा सकता है। चूंकि टनल के अंदर काम करने में सुरक्षा पहलुओं को ध्यान में रखते हुए भूगर्भीय सर्वे रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

देश में सबसे लंबी रेल सुरंग
उत्तराखंड में देश की सबसे लंबी 15 किलोमीटर की रेल सुरंग ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच बन रही हैं। इस रेल लाइन का सपना जल्द साकार होने वाला है। इस प्रोजेक्ट के बाद ऋष‍िकेश और कर्णप्रयाग के बीच की यात्रा रेल से मात्र दो घंटे में पूरी की जा सकेगी। खास बात यह है कि इस रेल लाइन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा सुरंग में है। इसमें अब 17 सुरंगों, 35 पुलों और 12 स्टेशनों का आधा काम हो चुका है। परियोजना की 17 सुरंगों में 11 सुरंग छह किलोमीटर से अधिक लंबी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हर दिन बनाई जा रही है 100 मीटर सुरंग
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन प्रोजेक्ट के तहत हर दिन लगभग 100 मीटर सुरंग बनाई जा रही है।126 किलोमीटर की इस रेल परियोजना के 9 फेज में 80 प्रवेश द्वार होंगे। इसमें 50 द्वार तैयार हो चुके हैं। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही ऋषिकेश और कर्णप्रयाग के बीच यात्रा का समय 7 घंटे से घटकर सिर्फ 2 घंटे हो जाएगा। ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के निर्माण में लगी रेल विकास निगम (आरवीएनएल) ने परियोजना की 105 किलोमीटर सुरंग में से 41 किलोमीटर सुरंग बनाकर तैयार कर दी है। 126 किलोमीटर लंबी रेल परियोजना में 105 किलोमीटर ट्रैक का निर्माण सुरंगों के अंदर होगा। रेल विकास निगम के अधिकारी इसे एक उपलब्धि बता रहे हैं। प्रोजेक्ट को दिसंबर 2025 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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