ट्रेन में वेटरों की भगवा ड्रेस, अखाड़ा परिषद ने जताई कड़ी आपत्ति, बताया संत समाज का अपमान
ट्रेन में भगवा ड्रेस पहनकर सेवा कर रहे वेटरों की ड्रेस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ी आपत्ति जताई। परिषद ने इसे संत समाज का अपमान बताया। साथ ही ड्रेस का रंग बदलने की मांग की।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी (निरंजनी) ने कहा कि रामायण एक्सप्रेस की वायरल वीडियो में साधु भेष में वेटर यात्रियों को भोजन-पानी वितरित कर रहे हैं, जो संत महात्माओं की गरिमा के विपरीत है। उन्होंने रेल मंत्रालय से तत्काल इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि साधु संत भारतीय संस्कृति की पहचान है। भगवा चोला सनातनियों का पूजनीय है। इंटरनेट मीडिया पर चल रही वीडियो में ट्रेन के अंदर भगवा रंग का चोला पहनकर यात्रियों को सामान वितरित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि संत समाज का इस तरह का उपहास बर्दाश्त नही किया जाएगा। वीडियो का संज्ञान लेते हुए श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने कहा कि भारतीय धर्म, संस्कृति, परंपराओं के प्रतीक चिन्ह को इस तरह वेटर की भेष में प्रदर्शित करना भगवा परंपरा का अपमान है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रेल मंत्री पीयूष गोयल से वार्ता की जाएगी। तत्काल वेटरों की पोशाक बदलवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी भगवा परंपरा का अपमान नहीं करने दिया जाएगा।