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November 22, 2024

कठपुतली ने बताया कि ये है समाज पर खतरा, देखें शिक्षाप्रद और रोचक कठपुतली का खेल

कठपुतली की कहानी में एक सच्चाई जुड़ी होती है। कठपुतलियां हमेशा से समाज में ज्वलंत मुद्दों को लेकर एक संदेश देने का काम करती आई हैं। कठपुतली देश की ज्वलंत समस्या को उजागर करती है। यहां हम आपको कठपुतली की कहानी दिखा रहे हैं। इसका नाम है-खतरा। इसमें कठपुतली उन ताकतों की नियति पर सवाल करती है, जो जाति, धर्म को आधार बनाकर घृणा फैलाना चाहती है। अड़ोसी पड़ोसी का पाठ पढ़ाती है। साथ ही एक संदेश देती है कि संवैधानिक सांस्कृतिक एकता से इन ताकतों की खिलाफत करने से सुरक्षित रहेंगे। हम आपके लिए हर सप्ताह एक इसी तरह की कहानी लेकर आ रहे हैं।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस कहानी में दो कठपुतलियों में आपसी संवाद को इस कहानी में बखूबी दर्शाया गया है। साथ ही बताया गया कि यदि आप सतर्क नहीं होंगे तो कोई भी खतरे के रूप में आपको बांट सकता है। इसमें एक बांटने की बात करती है तो दूसरी कठपुतली आपसी प्रेम, सांप्रदायिक सदभाव की बात करती है। वैसे भी एक बेजान कठपुतली भी लोगों को समझाने के लिए हमेशा से आगे आई है। चाहे वो राजाओं का दौर के ऐसे कई प्रकरण सुनने को मिलते हैं। यहां आप वीडियो का आनंद उठाइए। अगले सप्ताह आपके लिए हम दूसरी कहानी का दूसरा वीडियो लेकर आएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देखें वीडियो

रामलाल कर रहे हैं नए प्रयोग
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट 12 साल की उम्र के कठपुतली पर प्रयोग रहे हैं। करीब 40 साल से वह कठपुतली खुद बनाते हैं और नचाते हैं। स्कूलों में प्रोग्राम देते हैं। गांव में, संस्थाओं के लिए, युवाओं के लिए प्रोग्राम देते हैं। उनका कहना है कि कठपुतली शिक्षा में भी सहायक है। कठपुतलियों की मदद से किसी विषय को आसानी पढ़ाया जा सकता है। गणित जैसे मुश्किल विषय को भी खेल खेल में आसानी से समझाया जा सकता है। रामलाल ने पर्यावरण बचाने के लिए भी कठपुतली के माध्यम से कई प्रयोग किए। सोशल मीडिया का जमाना आया तो यू ट्यूब के माध्यम से भी कठपुतली नचा रहे हैं। कठपुतली के शो में कठपुतली नचाने के साथ ही बेजान कठपुतलियों को आवाज देना भी अहम काम है। अलग अलग कठपुतलियों को अलग अलग आवाज देना कोई आसान काम नहीं है। इस काम में रामलाल के साथ की दूसरी कलाकार धनवीरा देवी बखूबी करती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कलाकार का परिचय
देहरादून के ठाकुरपुर निवासी रामलाल भट्ट करीब चालीस साल के कठपुतलियों को लेकर प्रयोग कर रहे हैं। वह स्कूलों में शिक्षाप्रद वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं। उनके पपेट शो में चार तरह की कठपुतलियों का इस्तेमाल होता है। इनमें वह धागेवाली पपेट, रॉड पपेट, मोपेड पपेट और दस्ताना पपेट के जरिये अपना शो करते हैं। यदि किसी को स्कूलों या संस्थानों में पपेट शो या वर्कशाप करानी हो तो वे इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं। संपर्क सूत्र—9412318880, 7017507160

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