ग्राफिक एरा में 16 जनवरी की रात नाटक का मंचन, रोमांच बढ़ाने के साथ गहराता रहा रहस्य
देहरादून स्थित ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के के. पी. नौटियाल ऑडिटोरियम में नाटक-16 जनवरी की रात, का मंचन किया गया। इसमें रोमांच और रहस्य की शानदार प्रस्तुति दी गई। यह नाटक एक मर्डर मिस्ट्री है। आगे बढ़ने के साथ मर्डर का रहस्य गहराता और उलझता दिखाई देता है। धीरे-धीरे पर्दा उठता है तो दर्शक यह जानकर हैरत में पड़ जाते हैं कि मर्डर हुआ ही नहीं था, लेकिन मकतूल फिर भी नहीं बच पाता। उसका कहीं और अगले दिन मर्डर हो जाता है। आखिर में जूरी के सदस्य अभ्युक्त प्राची को दोष मुक्त करार देते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह नाटक मूल रूप से एनी रेंड की लिखी हुई- द नाइट ऑफ 16 जनवरी, का हिंदी रूपांतरण है। इसका अनुवाद लखनऊ के प्रसिद्ध रंगकर्मी गौतम राय ने किया है। इस नाटक को मंजुल मयंक मिश्र ने निर्देशित किया है। उनकी भूमिका केवल निर्देशन तक ही सीमित नहीं रही। उन्होंने सरकारी वकील का दमदार किरदार भी निभाया। सिने कलाकार नवनीत गैरोला ने बचाव पक्ष के वकील की भूमिका किसी मंजे हुए वकील के जैसे पैंतरो के साथ निभाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नाटक के अन्य पात्रों में सोनिया वालिया ने अभयुक्त प्राची मेहता, प्रताप नंदनी ने गैंगस्टर ताहिर अब्बास, सलमान जैदी ने मकतूल के ससुर सेठ गोकुलदास जलान, प्रियंका सम्मल ने मकतूल की पत्नी निकिता बजाज, सोनिया गैरोला ने जज की किरदार को प्रभावित अंदाज में निभाया। धीरज रावत, रजनी शर्मा, केतन प्रकाश, अमित सेमवाल ने चश्मदीदों की भूमिका से इंसाफ किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंजुल मयंक मिश्र ने उत्कृष्ट निर्देशन, प्रभावशाली अभिनय और बेहतरीन प्रकाश परिकल्पना से 16 जनवरी की रात की प्रस्तुति को एक यादगार अनुभव बना दिया। इस नाट्य प्रस्तुति का आयोजन वातायन संस्थान ने ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के सहयोग से किया। नाट्य प्रस्तुति में ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नरपिंदर सिंह, ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुल सचिव डा. दिनेश कुमार जोशी समेत अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और छात्र-छात्राएं शामिल रहे। जूरी सदस्यों के रूप में ग्राफिक एरा के फैकल्टी सदस्य डा. गिरीश लाखेड़ा, डा. ए. एस. शुक्ला, महेश मनचंदा, भास्कर नौटियाल, संदीप भट्ट आदि ने नाटक के कथानक से बाहर जाकर अपना निर्णय सुनाया। समाजसेवी श्री रोशन धस्माना ने आभार व्यक्त किया।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।




