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November 12, 2024

उत्तराखंडी फिल्म ‘माटी पहचान’ का आधिकारिक ट्रेलर तीन सितंबर को ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में होगा लॉन्च, जानिए खास बातें

फॉर्च्यून टॉकीज मोशन पिक्चर्स उत्तराखंडी फिल्म ‘माटी पहचान’ का अधिकारिक ट्रेलर तीन सितंबर की दोपहर 12 बजे ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, देहरादून में जारी करने जा रही है। इस दौरान मीडिया को भी आमंत्रित किया गया है। फिल्म की कार्यकारी निर्माता प्रज्ञा तिवारी के मुताबिक, यह फिल्म आज उत्तराखंड के सामने सबसे अधिक दबाव वाले मुद्दों के बारे में बात करती है। यह उत्तराखंड की स्थानीय प्रतिभाओं के योगदान और सहयोग से ही संभव हुआ है। कलाकारों से लेकर चालक दल के सदस्यों तक, जो सभी ने मिलकर कुछ ऐसा बनाया जो अपने सभी पहलुओं में पूरी तरह से उत्तराखंडी था। फिल्म के निर्देशक, निर्माता और संगीत निर्देशक के साथ मुख्य कलाकार साक्षात्कार के लिए कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
30 अगस्त को जारी किया गया था दूसरा गीत
बॉलीवुड स्टाइल में बनाई जा रही उत्तराखंडी फिल्म ‘माटी पहचान’ का दूसरा गीत ‘जी रे जागी रे’ मंगलवार 30 अगस्त को फॉर्च्यून टॉकीज मोशन पिक्चर्स के यू ट्यूब चैनल में रिलीज कर दिया गया था। इससे पहले टाइटल गीत ‘ये माटी मेरी मां छू’ आज शनिवार 27 अगस्त को जारी किया गया था। फिल्म 23 सितंबर को फिल्म उत्तराखंड सहित दिल्ली एनसीआर, मुंबई और लखनऊ के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। इससे पहले फॉर्च्यून टॉकीज मोशन पिक्चर्स के बैनर तले बनी इस फिल्म के तीन टीजर जारी हो चुके हैं। ये टीजर हिंदी और कुमाऊंनी भाषा में हैं। ये सभी टीजर यू ट्यूब में जारी किए गए हैं। फिल्म कुमाऊंनी बोली में है, लेकिन यदि इसे सफलता मिली तो इसे हिंदी और गढ़वाली में भी डब किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
खत्म हो रही हैं इंतजार की घड़ियां
वहीं, फिल्म के लिए आपके इंतजार की घड़ियां कम होती जा रही है। इस फिल्म में पलायन की व्यथा है। पहाड़ की लड़की का पहाड़ जैसा साहस है। डाक्यूमेंट्री का अंदाज है और प्रेम कहानी के साथ फिल्म आगे बढ़ती है। ऐसे में दर्शकों को भी इस फिल्म का बेसब्री से इंतजार रहेगा। इस फिल्म का निर्माण फॉर्च्यून टॉकीज मोशन पिक्चर्स की ओर से किया जा रहा है। इस फिल्म में एक छोटे से गांव की पहचान, समुदाय, भाषा और प्रेम के जटिल मुद्दों को उठाती नजर आएगी। फ़राज़ शेर की ओर से अपने बैनर फॉर्च्यून टॉकीज़ मोशन पिक्चर्स के तहत निर्मित इस फिल्म का निर्देशन अजय बेरी ने किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देवताओं की भूमि से सभी संभावनाओं को समेटे है-जी रे जागी रे
माटी पहचान का एक गीत जी रे जागी रे जारी करते हुए फिल्म निर्माताओं का कहना है कि इस गीत को साझा करते हुए उन्हें खुशी हो रही है, जो उत्तराखंड के देवताओं की भूमि से सभी की भावनाओं को समेटे हुए है। ये दिल में आसानी से शीर्ष स्थान लेता है। क्योंकि यह अपनी मिट्टी से जुड़ी भावनाएं हैं। इस तरह के गीत आजकल कम ही देखने को मिलते हैं। सागरिका मोहंती की ओर से गाया गया यह मार्मिक, भावपूर्ण हरेला गीत, देवताओं की भूमि, उत्तराखंड के प्रत्येक व्यक्ति की भावनाओं और भावनाओं को दर्शाता है। यह गीत दुनिया भर में रहने वाले लाखों उत्तराखंडी लोगों का दिल जीतने के लिए पूरी तरह तैयार है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वीडियो में देखें गीत-

कलाकार
जी रे जागी रे में सागरिका मोहंती ने अपनी आवाज दी है। इसके संगीत निर्देशक और गीतकार राजन बजेली हैं। कलाकारों में अंकिता परिहार, चंद्रा बिष्ट, वान्या जोशी और पद्मेंद्र रावत हैं। संगीत व्यवस्था: हितेश मिश्रा (चाचा) की है। साथ ही रिकॉर्डिंग और मिक्सिंग में वरुण सुंबली, प्रोग्रामिंग में श्रीकांत निवास्कर, ध्वनिक गिटार में हितेश मिश्रा (चाचा) ढोलक में राज शर्मा और विवेक कुलकर्णी, तबला में लोकेश गंधर्वी का सहयोग है। इसकी शूटिंग कोटाबाग, रामनगर (उत्तराखंड) में की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मां-बेटी के अटूट प्रेम पर आधारित है गीत
‘जी रेजागी रे’ एक बेहद सुंदर और भावनात्मक ट्रैक हैजो एक बेटी को उसकी माँ के द्वारा आशीर्वाद और शुभकानाएं देने की बात की गयी है। यह गाना माँ बेटी के अटूट प्रेम बधंन पर आधारित है। जिसमे कोई लोभ लालच के लिए जगह नहीं है। इसमे केवल प्यार और समर्पण की भावना नज़र आती है। इस गाने में चंद्रा बिष्ट माँ के रूप मेंऔर उसकी बेटी के रूप में अकिंता परि हार को फ़िल्माया गया है। ‘जी रे जागी रे’ एक ऐसा भावुक कर देने वाला गाना है। जो फ़िल्म को भी एक भावनात्मक रूप देने की कोशिश करता है। आपको बताते चलें कि माटी पहचान फ़िल्म के सभी गाने राजन बजेली ने बनाए हैं, जिनमे पहाड़ों के सगींत, सस्ंकृति और सकून को महसूस किया जा सकता है।

देखें फिल्म का टाइल सौंग

टाइटल सौंग में बॉलीवुड पार्श्व गायक सुदेश भोसले ने दी आवाज
फराज शेर और फॉर्च्यून टॉकीज म्यूजिक की ओर से फिल्म माटी पहचान के टाइटल ट्रैक “ये माटी मेरी मां छू” शीर्षक गीत एक शक्तिशाली और ऊर्जावान ट्रैक है, जो पूरी तरह से अपनी मिट्टी और मातृभूमि के लिए प्यार और अपनेपन की भावना को दर्शाता है। यह अविश्वसनीय रूप से प्रतिभाशाली बॉलीवुड पार्श्व गायक सुदेश भोसले द्वारा असाधारण शक्ति और रेंज के साथ गाया गया है और सभी के रोंगटे खड़े कर रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस गीत के संगीत निर्देशक और गीतकार राजन बाजेलिक हैं। संगीत व्यवस्था हितेश मिश्रा (चाचा) की है। रिकॉर्डिंग और मिक्सिंग में वरुण सुंबली, प्रोग्रामिंग में श्रीकांत निवास्कर, गिटार में हितेश मिश्रा (चाचा), ढोलक में राज शर्मा और विवेक कुलकर्णी, तबला में लोकेश गंधर्वी ने जुगलबंदी की। इस गाने को उत्तराखंड के कोटाबाग, रामनगर, जिला नैनाीताल में फिल्माया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

खासकर पहाड़ के लोगों को लिए बनाया गया है गीत
टाइटल गाने को खास तौर पर उत्तराखंड के लोगो के लिए बनाया गया है। जो अपने पहाड़, अपनी माटी से एक गहरा प्यार और श्रद्धा महससू करते हैं और अपनी मातभूमि के लिए और पलायन की कठोर वास्तविकता का सामना कर रहे हैं। “ये माटी मेरी माँ” गीत अपने प्रदेश के सभी बेटों और बेटियों से आग्रह करता है कि वे उठें औरअपनी भूमि की अखंडता को बनाए रखें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

फ़राज़ शेर

गीत के बारे में बात करते हुए निर्माता फ़राज़ शेर ने कहा कि “येमाटी मेरी माँ’ एक गीत नहीं है, यह एक ऐसा गान है, जिसमें फिल्म के रिलीज़ होने के बाद उत्तराखंड राज्य का राष्ट्रीय गीत बनने की पूरी क्षमता है। पहाड़ों के सभी लोगों के लिए ये गीत एक एंथम के रूप में लिखा गया और गाया गया है। यह गाना हमारी फिल्म की आत्मा है। यह परिचय गीत है, जो आपको फिल्म के मुख्य संघर्ष को दर्शाता है और आनेवाली सभी परेशानियों से निपटने लिए मंच तैयार करता है। हमें इस गीत और सुदेश भोसले द्वारा अद्भुत गायन पर बेहद गर्व है। जिन्होंने अपनी शक्तिशाली आवाज के साथ इस गीत को अनग्रुह और गौरव प्रदान किया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उत्तराखंड के लोगों की पहचान का प्रतिनिधित्व 
गीत के विशषे महत्व के बारे में संगीतकार और गीतकार राजन बजली कहते हैं कि यह गीत उत्तराखंड के लोगों की पहचान का प्रतिनिधित्व करता है। वे अपनी मिट्टी से कितने गहरे से जुड़े हुए हैं। जो चीज वास्तव में इस गीत को इतना शक्तिशाली बनाता है, वह है हमारेपहाड़ों के लिए हमारा प्यार और साथ ही उनकी खातिर मरने की हमारी भक्ति भी। हमें विश्वास हैकि यह गीत निश्चित रूप से उत्तराखंड के लोगों को पसंद आएगा। फिल्म निर्देशक अजय बेरी का कहना है कि उत्तराखंड का हर एक व्यक्ति न केवल इस दिल को छूलेने वाले गीत से भावनात्मक रूप से जुड़ जाएगा, बल्कि अपने निजी लाभ केलिए अपनी जमीन बेचने से पहले कई बार सोचेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पहला टीजरः पहाड़ों की कहानी
13 अगस्त को इस उत्तराखंडी फीचर फिल्म “माटी पहचान” का पहला आधिकारिक टीज़र (अध्याय एक: पहाड़ों की कहानी) जारी किया गया था। फिल्म उत्तराखंड के लोगों के लिए एक भेंट है और कई वर्षों से पहाड़ों को त्रस्त कर रहे पलायन के उग्र मुद्दे को संबोधित करती है। पहले टीज़र का शीर्षक ‘चैप्टर 1: द स्टोरी ऑफ़ द माउंटेंस’ रखा गया है। फिल्म दिल में गहन नाटक और अंतिम त्रासदी को दर्शाता है। फिल्म का टीजर हिंदी और उत्तराखंडी भाषा में जारी किए गए हैं। कुमाऊंनी भाषा में फिल्म है, लेकिन इसे गढ़वाली बोलने वाला भी आसानी से समझ सकता है। क्योंकि दोनों की बोली के शब्दों का इसमें बखूबी प्रयोग किया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हिंदी में देखें- चैप्टर 1: द स्टोरी ऑफ़ द माउंटेंस

फिल्म दिल में गहन नाटक और अंतिम त्रासदी को दर्शाता है। फिल्म का टीजर हिंदी और उत्तराखंडी भाषा में जारी किए गए हैं। कुमाऊंनी भाषा में फिल्म है, लेकिन इसे गढ़वाली बोलने वाला भी आसानी से समझ सकता है। क्योंकि दोनों की बोली के शब्दों का इसमें बखूबी प्रयोग किया गया है। फिल्म कुमाऊंनी बोली में रिलीज होगी। यदि फिल्म को सफलता मिलती है तो इसे गढ़वाली और हिंदी में भी डब किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुमाऊंनी भाषा में देखें- अध्याय एक: पहाड़ों की कहानी

दूसरा टीजर 20 अगस्त को किया जारी
फॉर्च्यून टॉकीज मोशन पिक्चर्स ने अपनी उत्तराखंडी फीचर फिल्म “माटी पहचान” के लिए दूसरा आधिकारिक टीज़र चैप्टर -2: पहाड़ों की बेटी 20 अगस्त को जारी किया गया। ये टीजर भी हिंदी और कुमाऊंनी भाषा में जारी किया गया है। दूसरे टीज़र का शीर्षक चैप्टर 2: द डॉटर ऑफ़ द माउंटेंस है। ये टीजर फिल्म के एक बिल्कुल नए पहलू पर केंद्रित है। माटी पहचान को आपकी जड़ों की ओर लौटने की कहानी के रूप मेंदर्शाया गया है। फिल्म का एक अन्य प्रमुख विषय महिला सशक्तिकरण है। फिल्म के नायिका अकिंता परिहार ने फिल्म में अपने किरदार को बखूबी निभाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हिंदी में देखेंः टीज़र चैप्टर -2: पहाड़ों की बेटी

लड़कियों की चुनौतियों को किया उजागर
दूसरे टीज़र के बारे में बात करते हुए, फिल्म के निर्माता फ़राज़ शेर बताते हैं कि आज 2022 में भी पूरे भारत में बहुत सारी लड़कियां हैं, जो कई कारणों सेअपनेसपनों को पूरा करने में असमर्थ हैं। इस फिल्म के माध्यम से हमने ऐसी उज्ज्वल और महत्वाकांक्षी लड़कियों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर करने का प्रयास किया है। जिनका भविष्य समाज की संकीर्णता से बाधित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुमाऊंनी भाषा में देखें-चैप्टर 2: द डॉटर ऑफ़ द माउंटेंस

तीसरा टीजर 23 अगस्त को किया गया जारी
उत्तराखंडी फिल्म माटी पहचान का तीसरा टीजर- Immortal Love 23 अगस्त को हिंदी भाषा और कुमाऊंनी बोली में जारी किया गया। इस टीजर का शीर्षक ‘अमर प्रेम’ है। इस टीजर में फिल्म के केंद्र में प्रेम कहानी पर ध्यान केंद्रित किया गया है। वहीं, माटी पहचान के पिछले टीजर में अधिक गंभीर मद्दों को दिखाया गया था। जैसे कि उत्तराखडं में हो रहे पलायन और महिला सशक्ति करण। यह नया टीज़र इस फिल्म के दो प्रमुख पात्रों, देव और माधुरी की दिल को छूने वाली प्रेम कहानी पर केंद्रित है, जिसका किरदार करण गोस्वामी और अकिंता परिहार ने निभाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

देखें हिंदी में तीसरा टीजर- Immortal Love

टीज़र के बारे में फिल्म के निर्माता फ़राज़ शेर ने कहा कि भारतीय सिनेमा की कहानी रोमांस के बिना अधरूी है। सलीम और अनारकली से लेकर राज और सिमरन तक, बहुत सारी ऐसी प्रेम कहानियां हैं, जो सेल्यलुाइड पर कैद हो गई हैं और हमेशा के लिए अमर हो गई हैं। तो, हमारी फिल्म के मूल में एक अमर प्रेम कहानी है, देव और माधुरी की। अब चाहे वह राज और सिमरन की तरह उनके मिलन में परिणत हो, या सलीम और अनारकली जैसी बाहरी ताकतों के हाथों जुड़ा हो जाए। उसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कुमाऊंनी बोली में देखें चैप्टर 3-अमर प्रेम

कलाकार और अन्य सहयोगी
माटी पहचान में मुख्य भूमिकाओं में करण गोस्वामी और अंकिता परिहार की पहली भूमिका निभाई। इसमें सहायक भूमिकाओं में उत्तराखंड के कुशल थिएटर और फिल्म अभिनेताओं का एक समूह शामिल है। संगीत उत्तराखंडी संगीतकार राजन बजली की ओर से रचित और लिखा गया है और यह पर्वतीय संस्कृति के सार के साथ-साथ मुख्यधारा की फिल्मों के ग्लैमर को भी समेटे हुए है। संगीत आधिकारिक तौर पर फॉर्च्यून टॉकीज म्यूजिक लेबल पर जारी किया जाएगा। फिल्म को मनमोहन चौधरी ने लिखा है। इसे छायाकार फारूक खान ने शूट किया है और मुकेश झा ने संपादित किया गया है। प्रज्ञा तिवारी फिल्म के कार्यकारी निर्माता के रूप में कार्य करती हैं। फ़राज़ शेर फिल्म के लिए क्रिएटिव प्रोड्यूसर की भूमिका भी निभा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

फॉर्च्यून टॉकीज मोशन पिक्चर्स की पहली फिल्म
यह फॉर्च्यून टॉकीज मोशन पिक्चर्स की ओर से निर्मित पहली फीचर फिल्म है और विज्ञापन में एक दशक के शानदार कार्यकाल के बाद फिल्म निर्माण के क्षेत्र में अपनी शुरुआत का प्रतीक है। फिल्म को वीके फिल्म्स द्वारा नाटकीय रूप से वितरित किया जाएगा। साथ ही हंगामा डिजिटल मीडिया ऑनलाइन टिकटिंग पार्टनर्स बुक माय शो और पेटीएम के साथ फिल्म के डिजिटल वितरण को संभाल रहा है। टीज़र फॉर्च्यून टॉकीज़ मोशन पिक्चर्स के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध है।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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