जम्मू कश्मीर में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर पहुंचे उत्तराखंड, सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि

जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले में सेना के वाहन पर हुए हमले में उत्तराखंड के बलिदानी पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी गौतम कुमार व चमोली जिले के निवासी वीरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को सेना के विशेष विमान से जोलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट लाया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शहीदों के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। साथ ही मौके पर मौजूद सेना के जवानों ने गार्ड आफ आनर के माध्यम से बलिदानियों को सलामी दी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर सेना के वाहन के जरिये उनके घर के लिए रवाना किए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले हमारे इन शहीदों को देश हमेशा याद रखेगा। राज्य सरकार हर पल सैनिक परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने शहीद गौतम कुमार और वीरेन्द्र सिंह के परिजनों से बात कर ढांढस बंधाया। दिवंगत आत्माओं की शांति और दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की मुख्यमंत्री ने ईश्वर से कामना की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र रक्षा के लिए हमारे जवानों द्वारा दिया गया बलिदान सदैव हम सभी को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करता रहेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के दो वीर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। जिसे देशवासी कभी नहीं भुला सकते। हमारी सरकार बलिदानियों के परिवार के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे वीर सपूतों को हम नमन करते है, जो देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर रहे है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बृहस्पतिवार 21 दिसंबर की दोपहर पूंछ के बफलियाज क्षेत्र में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला कर दिया था। इसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे। इसमें उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल के दो वीर पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी राइफलमैन गौतम कुमार (29) और चमोली जिले के नारायणबगड़ विकासखंड के बमियाला गांव के वीरेंद्र सिंह (33 वर्ष) भी थे। गौतम की तैनाती 89 आर्म्ड कोर में थी, वहीं वीरेंद्र 15वीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वीरेंद्र का परिवार रुड़की में रहता है, लेकिन उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बमियाला में किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पारिवारिक जानकारी के अनुसार, गौतम पिछले माह 30 नवंबर को ही छुट्टी लेकर घर आए थे और 16 दिसंबर को उन्होंने ड्यूटी पर वापसी की थी। अगले वर्ष 11 मार्च को उनका विवाह तय था। इसको लेकर घर में शादी की तैयारी भी चल रही थी, लेकिन इससे पूर्व ही वह शहीद हो गए। वहीं वीरेंद्र ने भी 6 जनवरी को छुट्टी पर घर आने की बात कही थी। वीरेंद्र की पत्नी व दो बेटियां हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।