वर्ष 2025 का आखिरी सूर्यग्रहण आज, इन देशों में देख सकेंगे लोग, जानिए इसका प्रभाव, इन बातों का रखें ख्याल

इस साल वर्ष 2025 का आखिरी सूर्यग्रहण आज यानि रविवार 21 सितंबर को लग रहा है। यह सूर्य ग्रहण कई मायनों में खास है। पितृपक्ष 2025 की समाप्ति और शारदीय नवरात्र के पहले नवरात्र की शुरुआत से इसकी तिथि है। ऐसे में ज्योतिषविदों का मानना है कि इसका दुनियाभर में दूरगामी प्रभाव देखने को मिलेगा। इस महीने यह दूसरा ग्रहण होगा इससे पहले 07 सितंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगा था। यह ग्रहण रात में लगेगा जिसके कारण इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्य ग्रहण का समय
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज लगने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। जो भारतीय समय के अनुसार रात 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा। यह ग्रहण रात 03 बजकर 32 मिनट पर खत्म हो जाएगा। ग्रहण का चरम काल रात 01 बजकर 11 मिनट पर होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नहीं लगेगा सूतककाल
सूर्य ग्रहण 2025 के दौरान सूतक काल का खास महत्व है। हालांकि, इस बार भारत में सूर्य ग्रहण 2025 को सीधे-सीधे नहीं देखा जा सकेगा। आज सर्वपितृ अमावस्या तिथि है और आज के ही दिन साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। यह ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा। इसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढकेगा, बल्कि सूर्य के कुछ हिस्से पर परछाई पड़ेगी। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसके चलते सूर्य ग्रहण का सूतक काल नहीं लगेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यग्रहण का कारण
पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है और धरती के साथ चंद्रमा भी सूर्य की परिक्रमा करता है। हालांकि, चांद धरती के भी चक्कर लगाता है। ऐसे में कई बार चंद्रमा घूमते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इससे कुछ समय के लिए सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंत पाता है। इस दौरान चंद्रमा की परछाई धरती पर पड़ती है। इसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नोटः ये समाचार, धार्मिक परंपराओं, ज्योतिषविदों और विज्ञानियों के अध्ययन पर आधारित है। इसमें दिए गए उपायों को लेकर लोकसाक्ष्य कोई दावा नहीं करता है।
इन देशों में दिखेगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण
यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा। यह ग्रहण न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया के दक्षिणी भागों में, प्रशांत महासागर, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देगा। भारत में इस ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा, क्योंकि ग्रहण के समय भारत में रात होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन बातों का रखें ख्याल
-ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें
-सूतक काल प्रभावी रहने पर ईश्वर का ध्यान करें
-छोटी-बड़ी कोई यात्रा न करें
-सूर्य ग्रहण के क्रम में अराध्य देव का मंत्र जाप करें
-सूर्य ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र का जाप विशेष फलदायी होता है
-सूर्य ग्रहण के दौरान रसोई में भोजन न बनाएं
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Bhanu Bangwal
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मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।