Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

November 7, 2025

ज्वालामुखी फटने के कुछ घंटों में बना द्वीप, सात दिन में छह गुना हुआ बड़ा, पहले भी बने और फिर नष्ट हो गए ऐसे द्वीप

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) को ऑस्ट्रेलिया के निकट दक्षिणपश्चिमी प्रशांत सागर में ज्वालामुखी फटने के कुछ घंटों बाद एक छोटा द्वीप नजर आया है। इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय टोंगा द्वीप में होम रीफ ज्वालामुखी ने लावा, राख और धुंआ उगलना शुरू किया था। इससे आस पास के पानी का रंग बदल गया था, लेकिन नासा की धरती पर नज़र रखने वाली कार्यशाला ने बताया है कि इस ज्वालामुखी में हुए विस्फोट के 11 घंटों बाद ही पानी की सतह पर एक नया द्वीप नजर आया। इस निगरानी कार्यशाला ने सैटेलाइट के ज़रिए इस द्वीप की तस्वीरें भी खींची हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नासा की प्रेस रिलीज के अनुसार, नया बना द्वीप जल्द ही आकार में बड़ा हुआ। 13 सितंबर को शोधकर्ताओं ने टोंगा के जियोलॉजिकल सर्विस के साथ मिल कर इस द्वीप का इलाका 4000 स्क्वायर मीटर यानि लगभग 1 एकड़ बताया था। इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 10 मीटर यानि करीब 33 फीट बताई गई थी। हालांकि 20 सितंबर को शोधकर्ताओं ने जानकारी दी है कि इस द्वीप का आकार बढ़कार 24000 स्क्वायर मीटर या कहें कि लगभग 6 एकड़ का हो गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अमेरिकी स्पेस एजेंसी का कहना है कि यह नया द्वीप सेंट्रल टोंगा आइलैंड्स में होम रीफ सीमाउंट के उपर बना है, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि यह छोटा द्वीप शायद हमेशा यहां नहीं रहेगा। नासा ने बताया है कि यह द्वीप समुद्र में डूबे ज्वालामुखी के कारण बना है और ऐसे द्वीप कम समय के लिए ही अस्तित्व में आते हैं। हालांकि कई बार वो कई सालों तक बने रहते हैं। आगे नासा की ओर से जानकारी दी गई है कि पास ही में लाटेइकी ज्वालामुखी के 12 दिन तक फटने के कारण 2020 में एक द्वीप बना था, लेकिन फिर यह दो महीने में ही बह गया। 1995 में इसी ज्वालामुखी के कारण बना एक द्वीप 25 साल तक रहा था।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *