बिजली दरों में वृद्धि वापस हो, अतिक्रमण ने नाम गरीबों का ना हो उत्पीड़न, विभिन्न संगठनों ने उठाई आवाज
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में विभिन्न दलों और संगठन से जुड़े लोगों ने बिजली की दरों में वृद्धि को वापस लेने और अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को उजाड़ने के खिलाफ आवाज उठाई। इस मौके पर जिला प्रशासन के माध्यम से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह को सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि लोकसभा चुनाव के बाद पहले बिजली दरों बढ़ोतरी की गई। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। कहा कि सरकार एवं प्रशासन अतिक्रमण के नाम पर गरीबों को निशाना बना रहे हैं। साथ ही बड़े बड़े अतिक्रमणकारियों को बचा रहे हैं। जहां गरीब लोग बसे हैं, वहां की भूमि बड़ी निजी कंपनियों को देने की तैयारी चल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोप लगाया कि सरकार की नजर कैन्ट बोर्ड की भूमि पर भी है। इसलिए सरकार सुविधाएं देने की आड़ में इसे नगर निगम में मिलाने का प्रयास हो रहा है। इसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं। सरकारी प्रतिनिधि व भाजपा पार्टी के नेता इस जनविरोधी फैसलों को सही ठहराने में लगे हैं। साथ ही बिजली विभाग को निजी हाथों में देने के प्रयास हो रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
संगठनों ने कहा कि सर्वविदित है कि सरकार के सभी कार्य बड़े घरानों के हितों की पूर्ति करते रहे हैं। मांग की गई कि अतिक्रमण हटाने की आड़ में गरीबों को उजाड़ने की कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। साथ ही बिजली के मूल्यों में की गई वृद्धि को वापस लिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ज्ञापन देने वालों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के देहरादून सचिव अनन्त आकाश, सीआईटीयू के जिला महामंत्री लेखराज, राष्ट्रीय उत्तराखण्ड पार्टी के अध्यक्ष नवनीत गुसांई, नेताजी संघर्ष समिति के अध्यक्ष प्रभात डण्डरियाल, भीम आर्मी के अध्यक्ष आजम खान, एटक के नेता एसएस रजवार आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।