महाकुंभ की व्यवस्थाओं की जांच को हाईकोर्ट ने बनाई उच्चस्तरीय समिति, 23 मार्च को देनी होगी रिपोर्ट
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हरिद्वार महाकुंभ की व्यवस्थाओं की जांच को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल ने उच्च स्तरीय समिति बनाई। हाईकोर्ट ने श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य, रहने की व्यवस्था, पुल, सड़क, फ्लाईओवर आदि निर्माण कार्यों, मेला क्षेत्र में कोविड चिकित्सालयों के इंतजाम पर जिला जज हरिद्वार से शपथ पत्र के साथ 23 मार्च तक फोटोग्राफ के साथ स्थलीय निरीक्षण रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने निर्माण कार्यों समेत कुंभ को लेकर किए इंतजामों की जांच के लिए जिला जज हरिद्वार, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत, सरकार के हाई कोर्ट में मुख्य स्थाई अधिवक्ता चंद्रशेखर रावत, याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शिव भट्ट की कमेटी बनाई है। ये कमेटी 14 मार्च को स्थलीय निरीक्षण करगी। साथ ही कुम्भ को लेकर इंतजाम की हकीकत परखेगी। निर्माण कार्यों की जांच करेगी। कोर्ट ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों से सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करवाने के सख्त निर्देश भी दिए हैं। अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी।
शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, देहरादून के सच्चिदानंद डबराल की जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि कुंभ को देखते हुए अब तक फ्लाईओवर का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। आंतरिक सड़कों का निर्माण भी अधूरा है।
जनहित याचिकाओं में कहा गया था कि क्वारंटाइन सेंटरों व कोविड अस्पतालों की हालत बेहद खस्ता है। क्वारंटाइन सेंटरों के मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिवों ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी क्वारंटाइन सेंटर बदहाल स्थिति में हैं और सरकार की ओर से वहां पर प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की गई है।
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश कर कहा गया कि श्रद्धालुओं की सुविधा तथा कोविड की गाइडलाइन के अनुपालन के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। हरिद्वार के दूधाधारी आश्रम में 550 तथा रामकृष्ण परमहंस अस्पताल में 50 बेड का अस्पताल बनाया गया है। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं। शौचालयों की व्यवस्था की गई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।