राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण के शासनादेश जल्द जारी करे सरकार
उत्तराखंड राज्य आंदोलकारी मंच की बैठक में राज्य आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण की प्रक्रिया शुरू होने का शासनादेश जारी नहीं होने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी के प्रति नाराजगी जाहिर की गई।

देहरादून में कलक्ट्रेट स्थित शहीद स्मारक स्थल में हुई बैठक में चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि इस कार्य में विलंब हो रहा है, क्योंकि 8 दिन होने के बाद भी अब तक भी सरकार ने नया शासनादेश जारी नहीं किया है। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह आंदोलनकारियों के एक दल को बातचीत के लिए आमंत्रित करें। इससे सरकार और अन्य आन्दोलनकारी मिलकर नए आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण लिए एक व्यापक रूपरेखा तैयार कर सकेगी। उन्होंने आंदोलनकारियों को 3100 रुपये पेंशन देने के फैसले पर कहा कि इसकी राशि कम से कम 15000 रुपये प्रति मास होनी चाहिए।
उन्होंने राज्य सरकार से 10 फीसद आरक्षण पर चुप्पी बरतने पर नाराजगी जाहिर की। राज्य आंदोलनकारी सुलोचना भट्ट, शकुंतला रावत, चिह्नित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय संयोजक व पूर्व दर्जाधारी मनीष कुमार, प्रवक्ता महेश जोशी ने भी आंदोलनकारियों के चिह्नीकरण में हो रही देरी पर नाराजगी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से सरकार चल रही है, लगता नहीं है कि यह कार्य पूर्ण होने वाला है। सरकार की नियत साफ दिखाई नहीं दे रही है।
बैठक में ऋषिकेश से आए वयोवृद्ध आंदोलनकारी वेद प्रकाश शर्मा, नरेंद्र सौटियाल, डी एस गोसाई, कोटद्वार से आए महेंद्र सिंह रावत, बीना बहुगुणा, प्रमिला रावत ने भी विचार रखे। बैठक की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने की। संचालन पूर्ण सिंह लिंगवाल ने किया।