उत्तराखंड में 10वीं और 12वीं के अंक निर्धारण का फार्मूला तय, व्यक्तिगत परीक्षार्थियों पर होना है फैसला
उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं व 12वीं की कक्षाओं के 2.71 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं के रिजल्ट के लिए अंक निर्धारण का फार्मूला तय किया गया है।

कोरोना संकट की वजह से देशभर में अधिकांश राज्यों में दोनों कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाएं रद की गई हैं। शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडेय की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति ने छात्र-छात्राओं के अंक निर्धारण के लिए फार्मूले पर विचार किया था। समिति ने पहली बैठक में 12वीं के लिए पहले 10वीं कक्षा के प्राप्तांकों का 30 फीसद, 11वीं की कक्षाओं का 30 फीसद और 12वीं में हुए आंतरिक मूल्यांकन व प्रायोगिक परीक्षा के अंकों का 40 फीसद का फार्मूला तय किया था। 10वीं की परीक्षा में 1.48 लाख और 12वीं की परीक्षा में 1.23 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं।
संस्कृत शिक्षा में भी इसी फार्मूले के आधार पर अंक दिए जाएंगे। संस्कृत शिक्षा परिषद को इसके आधार पर रिजल्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। समिति बुधवार को अंकों के लिए तय फार्मूले के संबंध में अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। इसके आधार पर जल्द शासनादेश जारी किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने देर शाम मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से भी मुलाकात कर बोर्ड कक्षाओं के रिजल्ट को लेकर लिए गए निर्णय की जानकारी दी।
शिक्षा महानिदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति की तीसरी बैठक बुधवार को होगी। बैठक में 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में पंजीकृत व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को भी अंक देने का फार्मूला तय किया जाएगा। शिक्षा मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि बोर्ड कक्षाओं में इस वर्ष किसी भी परीक्षार्थी को फेल नहीं किया जाएगा। सभी को प्रोन्नत किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।