video: उत्तराखंड में कोरोना से मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी, डेढ़ माह में 1200 बैकलॉग को जोड़ा, हो पब्लिक ऑडिटः धस्माना

धस्माना ने कहा कि सबसे पहले पिछले वर्ष पहली कोरोना लहर में रैपिड टेस्टिंग किट घोटाला हुआ। इसमें सभी टेस्टिंग किट नकली निकली। उसके बाद राशन किट घोटाला हुआ। जिसमें साढ़े चार सौ कीमत की किट के साढ़े नौ सौ रुपये भुगतान किए गए। उसके बाद दूसरी लहर में पीएम केयर्स से खराब वेंटिलेटर खरीद घोटाला, हरिद्वार महाकुंभ में फर्जी कोरोना टैस्ट घोटाला किया गया। उन्होंने कहा कि अब तो हद ये हो गयी कि मौतों के आंकड़ों में भी घोटाला सिद्ध हो गया है।
धस्माना ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि इंसानों की जिंदगी और मौत की इस बेशर्म सरकार की नजर में कोई कीमत नहीं रही। लगातार जिस प्रकार से पिछले डेढ़ महीने से कोविड मृत्यु बैकलॉग के आंकड़े सामने आ रहे हैं, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि कितनी बड़ी संख्या में उत्तराखंड राज्य में लोगों की मौत हुई है।
धस्माना ने कहा कि यह तो वे लोग हैं, जिनके आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मौत हुई है। वास्तव में तो मरने वाले कम से कम पांच छह गुना ज्यादा हैं। जिनकी जांच हुई नहीं। या हुई तो रिपोर्ट समय पर आई नहीं और वे संक्रमित हो कर मर गए। धस्माना ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की अगर निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो कांग्रेस राज्य व्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।