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June 18, 2025

किसानों ने की आंदोलन खत्म करने की घोषणा, 11 दिसंबर से शुरू होगी बॉर्डर से वापसी, तंबू से बंबू उखाड़ने किए शुरू

तीन कृषि कानूनों को लेकर एक साल पहले शुरू हुआ किसानों का आंदोलन अब समाप्त हो गया है। सरकार की ओर से दिए गए लिखित आश्वासन पर किसानों ने अब अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया है।

तीन कृषि कानूनों को लेकर एक साल पहले शुरू हुआ किसानों का आंदोलन अब समाप्त हो गया है। सरकार की ओर से दिए गए लिखित आश्वासन पर किसानों ने अब अपना आंदोलन खत्म करने का ऐलान किया है। 11 दिसंबर से किसान बॉर्डर से वापसी शुरू कर देंगे। केंद्र सरकार की ओर से मांगें माने जाने के बाद किसान संगठनों ने आज शाम 5: 30 बजे फतह अरदास की। 11 दिसंबर को सिंघु और टिकरी धरना स्‍थल पर फतह मार्च (victory march) की योजना बनाई है। आंदोलन खत्‍म करने के बाद आगामी 13 दिसंबर को किसान नेता अमृतसर में स्‍वर्ण मंदिर जाकर मत्‍था टेकेंगे। 15 जनवरी को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली में फिर बैठक करेगा। वहीं, आज से ही सिंघु बॉर्डर से तंबू उखाड़ने भी शुरू कर दिए हैं। किसानों ने कहा कि वे धरनास्थल की पूरी साफ सफाई करके ही जाएंगे। कहीं ऐसा संदेश नहीं जाए कि आंदोलन के बाद किसान गंदगी फैला कर चले गए हैं।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के दूसरे प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सहमति बनने के बाद किसानों के आंदोलन खत्‍म होने भी उम्‍मीद बंधी थी। केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को किसानों ने स्वीकार कर लिया गया है। सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में हुई एफआईआर (FIR) को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात भी मान ली है।
सरकार और किसान संगठनों के बीच न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) पर बनने वाली कमेटी में भी संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिथियों के ही रहने की बात पर भी सहमति बन गई है। इलेक्ट्रीसिटी बिल पर भी संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात के बाद ही सरकार आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही पंजाब की तर्ज पर मुआवजे पर भी हरियाणा और यूपी तैयार हैं। केस वापस लेने की मांग और मुआवजे की मांग पर पंजाब सरकार की भी सहमति है। इसके साथ केंद्र सरकार भी दिल्ली में हुए मुकदमों को वापस लेने को तैयार है। केंद्र सरकार ने किसानों का आंदोलन खत्म कराने के लिए आज उनके पास एक नया प्रस्ताव भेजा था।
सरकार के पत्र में खास बिंदु
– सरकार MSP की गारंटी पर समिति बनाएगी जिसमें SKM से किसान नेता शामिल होंगे।
– देश भर में हुए किसानों पर मुक़दमे वापस होंगे।
– सरकार मृत किसानों को मुआवज़ा देगी।
– बिजली बिल को सरकार SKM से चर्चा करने के बाद संसद में लाएगी।
– पराली जलाने पर किसानों पर कार्यवाही नहीं होगी।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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