भूमि को बचाने के लिए दर दर भटक रहा है पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली का परिवार

देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी व पेशावर कांड के नाम से मशहूर सैनिक विद्रोह के नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली का परिवार आज अपनी जमीन को बचाने के लिए दर दर भटकने को मजबूर है। उन्हें 1975 में उत्तरप्रदेश सरकार ने 90 सालों की लीज़ पर जमीन दी थी। इस भूमि को बचाने के लिए उनका परिवार प्रशासन से शासन तक गुहार लगा चुका है। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली हल्दूखाता स्थित घर में विगत तीन अक्टूबर को उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना गए थे। परिवार की सारी व्यथा सुनने के बाद उन्होंने मदद का आश्वासन दिया। आज प्रेस वार्ता में उन्होंने इस परिवार के दर्द को बयां किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि सन 1975 में उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा ने वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के स्वतंत्रता संग्राम में दिए गए अमूल्य योगदान को सम्मान देते हुए उनके नाम हल्दूखाता जिला बिजनौर में 60 बीघा खेती की जमीन 90 साल की लीज़ पर दी। इस पर वीर चन्द्र सिंह जी सपरिवार खेती बाड़ी करते थे। एक अक्टूबर 1979 को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी परलोक धाम सिधार गए। उनके दो पुत्र व उन दोनों के परिवार उस भूमि पर काबिज खेती बाड़ी करते आ रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना को वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के छोटे बेटे स्वर्गीय आनंद सिंह गढ़वाली की धर्मपत्नी विमला देवी ने बताया कि सितंबर 2018 में बिजनौर वन प्रभाग की ओर से एक नोटिस आया। इसमें कहा गया कि उनकी लीज़ का नवीनीकरण नहीं हुआ है। ना ही लीज़ निष्पादित हुई है। इसलिए उनका भूमि पर अवैध कब्जा है। अतः उनको लीज़ की भूमि को खाली करने के लिए कहा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
विमला ने बताया कि उक्त मामले में उन्होंने वन प्रभागीय अधिकारी बिजनौर को बाकायदा पत्र लिख कर यह जानकारी चाही कि उनको कितना पैसा जमा करना है। साथ ही जो भी औपचारिकता लीज़ नवीनीकरण के लिए करनी है, उनको बता दिया जाय। आज पूरे पांच साल बीत जाने के बाद भी उनके प्रर्थनापत्र पर कोई कार्यवाही नहीं कि गयी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने धस्माना को बताया कि वह इस बाबत तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को व्यक्तिगत रूप से मिल कर मांग पत्र दे चुकी हैं, किंतु आज तक अश्वासन के अलावा कुछ नहीं हुआ। धस्माना ने उनको आश्वस्त किया कि चाहे उनको इस मसले पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलना पड़े या फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलना पड़े। वह उनको हर हाल में उनका हक दिलवाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली केवल उत्तराखंड के नहीं, अपितु पूरे देश के गौरव हैं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण 14 वर्ष जेल में बिताए। 1857 की क्रांति के बाद 23 अप्रैल 1930 में पेशावर में गढ़वाली द्वारा किया गया विद्रोह पहला विद्रोह था। इससे अंग्रेज़ी हुकूमत हिल गयी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि पेशावर कांड में गढ़वाली जी को 14 वर्ष की सज़ा हुई और 1941 में जब वे रिहा हुए तो फिर वे इलाहाबाद चले गए और वहां महात्मा गांधी व अन्य राष्ट्रीय नेताओं के संपर्क में आ कर राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हो गए। 1942 में भारत छोड़ो में एक बार फिर गिरफ्तार हो कर जेल चले गए और फिर 1945 में तीन साल बाद रिहा हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धस्माना ने कहा कि वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली के बारे में महात्मा गांधी ने कहा था कि अगर मेरे पास गढ़वाली जैसे चार पांच और साथी होते तो देश बहुत पहले आज़ाद हो जाता। उन्होंने कहा कि आज ऐसे महान स्वतंत्रता संग्राम के महानायक के परिवार के साथ जिस प्रकार का व्यहवार हो रहा है वो दुर्भाग्यपूर्ण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हर हाल में दिलवाया जाएगा गढ़वाली के परिवार को हक
सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि उपरोक्त प्रकरण पर उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय से संपर्क कर मिलने का समय मांगा है। वह समय मिलते ही गढ़वाली जी के परिवार के किसी सदस्य के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उनसे हल्दूखाता की लीज़ वाली भूमि का भूमिधरी अधिकार वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी के परिवार के नाम करने की मांग करेंगे। धस्माना ने कहा कि अगर उत्तरप्रदेश सरकार लीज़ नवीनीकरण करने के लिए कोई फीस निर्धारित करेगी तो उसका भुगतान उनका ट्रस्ट देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आवश्यकता पड़ने पर प्रधानमंत्री तक ले जाएंगे मामला
कांग्रेस नेता धस्माना ने कहा कि अगर उत्तरप्रदेश सरकार ने वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी के परिवार को न्याय नहीं दिया तो वे इस मामले को देश के प्रधानमंत्री तक ले कर जाएंगे। हर हाल में गढ़वाली जी के परिवार को न्याय दिलवा कर रहेंगे यह उनका प्रण है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को करनी चाहिए पहल
धस्माना ने कहा कि आजकल पितृ पक्ष चल रहा है और वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली हमारे सब के पितृ हैं। इसलिए मुख्यमंत्री को राज्य के मुखिया के रूप में राज्य के पितृ वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली जी को तर्पण स्वरूप उनके नाम लीज़ की भूमि को उनके परिजनों के नाम करवा कर उनको सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।