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February 4, 2025

ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का दूसरे दिन भी दिखा असर, दून में निकाला जुलूस, केंद्र सरकार की नीतियों पर किया प्रहार

उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति के आह्वान पर उत्तराखंड में हड़ताल का व्यापक असर रहा। दूसरे दिन भी विभिन्न संगठन से जुड़े लोग देहरादून के गांधीपार्क में एकत्र हुए और वहां से घंटाघर तक जलूस निकाल कर प्रदर्शन किया।

उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन्स संघर्ष समिति के आह्वान पर उत्तराखंड में हड़ताल का व्यापक असर रहा। दूसरे दिन भी विभिन्न संगठन से जुड़े लोग देहरादून के गांधीपार्क में एकत्र हुए और वहां से घंटाघर तक जलूस निकाल कर प्रदर्शन किया। जुलूस के वापस गांधी पार्क पहुंचने पर इसे जनसभा में बदल दिया गया। इस दौरान संगठनों के प्रतिनिधि धरने पर बैठे और केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीति, निजीकरण आदि पर जमकर प्रहार किया गया। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के एक संयुक्त मंच द्वारा दो दिनी राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया गया है। ये हड़ताल श्रमिकों, किसानों और लोगों को प्रभावित करने वाली सरकारी नीतियों के विरोध में की जा रही है। ऑल इंडियन ट्रेड यूनियन कांग्रेस ने इस हड़ताल में 20 करोड़ से अधिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी का दावा किया है।
इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने कहा कि सेंट्रल ट्रेड यूनियनों के सावन पर दो दिवसीय हड़ताल सफल रही। पूरे देश में मजदूर हड़ताल पर रहे इस अवसर पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी हड़ताल का व्यापक असर रहा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ आज देश का मजदूर सड़कों पर हैं। स्कीम वर्कर्स आशा, आंगनवाड़ी, भोजन माताओं को यह सरकार कोई सामाजिक सुरक्षा भी नहीं दे पाई है। ना ही उन्हें जीने लायक वेतन दिया जा रहा है। इससे उनके सामने परिवार के भरण-पोषण इस समस्या हो रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 44 श्रम कानूनों में से उन्नति श्रम कानून को समाप्त कर चार श्रम संहिता बनाई जा रही हैं। इससे पूंजीपति वर्ग को यह फायदा हो रहा है तथा मजदूरों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है। जो कानून मजदूरों का सुरक्षा कवच थे, उन्हें समाप्त करने की मंशा को मजदूर कभी भी सहन नही करेंगे।सरकार को ये श्रम संहितायें वापस लेने पर मजबूर करेंगे ।

इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि सरकार द्वारा जो संस्थान जनता की गाढ़ी कमाई से बनाये गए थे, चंद पूंजीपतियों की तिजोरी भरने के लिए बेचे जा रहे हैं। इसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा। श्रमिक इन संस्थानों को बचाने के लिए कटीबद्ध हैं। वह कोई भी कुर्बानी से पीछे नही हटेगा।
ऐटक के प्रांतीय महामन्त्री अशोक शर्मा ने कहा कि ट्रेड यूनियने देश मे केंद्र व राज्य सरकारों को उनके पक्ष में नीतियां बनाने के लिए बाध्य करेंगी। जिससे मजदूर वर्ग अपने व सपने परिवारों को भरण पोषण कर सके। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया जाएगा। एक्टू के नेता इंद्रेश मैखुरी ने सफल हड़ताल के लिए मजदूर वर्ग को बधाई दी और कहा कि संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए मजदूरों को एकताबद्ध हो कर लड़ने की आवश्यकता है।

अखिल भारतीय किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण, जनवादी महिला समिति के प्रांतीय उपाध्यक्ष इंदु नौडियाल, आंगनवाडी यूनियन के प्रांतीय महामंत्री चित्रकला, उत्तराखंड भोजन माता कामगार यूनियन की प्रांतीय महामंत्री मोनिका, उत्तराखंड आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन की जिलाध्यक्ष सुनीता चौहान, एसएफआई के प्रांतीय अध्यक्ष नितिन मराठा ने विचार व्यक्त किये।
प्रदर्शनकारियों में रजनी गुलेरिया, भगवंत दयाल, रविंद्र नौटियाल, दीपक शर्मा, प्रमोद उनियाल, मामचंद, अनंत आकाश, राजेंद्र पुरोहित, हिमांशु चौहान, अनीता, आशा रावत, मनीषा राणा, नीता, रीटा, सरला, भगवान, लक्ष्मी पंत, सुनीता, भावना पांडे, शकुंतला, अनीशा, कमला, बबीता, रजनी, सत्यवती, उर्मिला, सुरजा देवी, धर्मानंद भट्ट, एसएस रजवार, नवीन, प्रेम, आशुतोष, महेंद्र सजवान, प्रणव चौहान, रचना, गीता थापा, सरिता, सुषमा, शोभा आदि बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी, भोजन माता, आशाएं आदि शामिल रहे।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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