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December 15, 2024

सुबह सुबह एक बार फिर से कांपी उत्तरकाशी की धरती, भूकंप के झटके से दहशत

एक बार फिर से उत्तराखंड में उत्तरकाशी की धरती कांप उठी। गुरुवार पांच अक्टूबर की सुबह जब लोग गहरी नींद में थे, तब तड़के करीब तीन बजकर 49 मिनट पर उत्तरकाशी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का तीव्रता 3.2 थी। इसका आक्षांस 31.00 और देशांतर 78.29 था। इसका केंद्र जमीन से पांच किलोमीटर नीचे था। हालांकि, भूकंप उस वक्त आया, जब लोग गहरी नींद में होते हैं। फिर भी जिसे इसका अहसास हुआ, वह घर से बाहर निकल गया। कहीं किसी नुकसान की सूचना नहीं है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लगातार आ रहे हैं भूकंप
उत्तराखंड में भूकंप के झटके लगातार महसूस किए जा रहे हैं। मएक दिन पहले चार अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर चमोली में 2.6 तीव्रता का भूकंप आया। इससे पहले तीन अक्टूबर को नेपाल में दोपहर दो बजकर 25 मिनट से लेकर शाम पांच बजकर 23 मिनट तक भूकंप के छह झटके महसूस किए गए। इनमें एक झटका इतना बड़ा था कि उत्तराखंड, दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, जयपुर समेत उत्तर भारत के अलग-अलग इलाकों में भूकंप के झटके से लोग दहशत में आ गए थे। इसकी तीव्रता 6.2 मापी गई थी। इससे पहले 25 सितंबर को उत्तरकाशी में सुबह करीब आठ बजकर 35 मिनट 54 सेकेंड पर भूकंप का तेज झटका महसूस किया गया था। रिक्टर स्केल में इसकी तीव्रता तीन आंकी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड संवेदनशील
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड में आ चुके हैं दो बड़े भूकंप
उत्तराखंड के उत्तरकाशी और चमोली जिले में दो बड़े भूकंप आ चुके हैं। इससे भूकंप के हलके झटके से ही लोग दहशत में आ जाते हैं। उत्तरकाशी में 20 अक्टूबर 1991 को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय हजारों लोग मारे गए थे। साथ ही संपत्ति को भी अत्यधिक क्षति हुई थी। इसके बाद 29 मार्च 1999 में चमोली जिले में उत्तराखंड का दूसरा बड़ा भूकंप आया। भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) राज्य में आया यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप में 103 लोग मारे गए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं भूकंप के कारण
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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