कूड़ादान हटा और खाली स्थान पर फेंकी जाने लगी गंदगी, फिर ऐसे सुधरी वर्षों पुरानी समस्या, लोगों ने बोला धन्यवाद
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गली और मोहल्लों से तमाम कूड़ादानों को नगर निगम की ओर से हटा लिया गया है। इसके बदले कूड़ा उठाने वाले वाहनों को लगाया गया और घर घर से इन वाहनों के जरिये कूड़ा उठान होने लगा। इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ और कई स्थानों पर हटाए गए कूड़ादान के खाली स्थान पर ही लोगों ने गंदगी फेंकनी शुरू कर दी। इसके बाद जागरूक लोगों ने प्रयास किए और किसी तरह समस्या का समाधान हो सका। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ताजा मामला देहरादून में नेशविला रोड क्षेत्र का है। सामाजिक कार्यकर्ता जगमोहन मेंदीरत्ता ने बताया कि नेशविला रोड में कूड़ेदान कि समस्या दशको पुरानी है। कूड़ादान के आसपास काफी गंदगी फैली रहती थी। ऐसे में कूड़ादान के आसपास रहने वाले कई दुकानदार, गृह स्वामी अन्यत्र जगह बसने को मजबूर हो गए थे। देहरादून को स्मार्ट सिटी घोषित होने और उस दिशा में कार्य शुरू होने के बाद से ही शहर से कूड़ेदानों को बंद करने का अभियान चला। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत नेशविला रोड के आसपास के कई कूड़ादान हटा दिए गए। ऐसे में आसपास का कूड़ा भी नेशविला रोड के कूड़ादान में फेंका जाने लगा। इसकी शिकायत उन्होंने मुख्यमंत्री पोर्टल पर दिनांक 20 जनवरी 2024 को की थी। ऐसे में इस कूड़ादान को भी बंद कर दिया गया। इसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ और लोग खाली स्थान पर ही कूड़ा डालने लगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद उन्होंने दो मार्च को फिर से मुख्यमंत्री पोर्टल पर समस्या का निदान न होने की शिकायत की। साथ ही नगर आयुक्त से भी शिकायत की। ये स्थिति तब हो रही थी, जब इसी सड़क पर निवर्तमान मेयर व सरकार के कैबिनेट मंत्री का भी निवास है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों से नगर निगम ने इस कूड़ादान के खाली पड़े स्थान पर नजर रखने के लिए नगर निगम कर्मचारी तैनात किए। खाली स्थान पर कूड़ा डालने वालों का चालान किया जाने लगा। ऐसे में समस्या का निदान हुआ और वहां कूड़ा डलना बंद हो गया है। इससे लोगों को लंबी समस्या से मुक्ति मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
जगमोहन मेंदीरत्ता ने दशको पुरानी समस्या का हल होने पर नगर आयुक्त का धन्यवाद अदा किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल नेशविला रोड क्षेत्र साफ सुथरा हो गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति स्थाई होनी चाहिए। घर घर से कूड़े का उठान होना चाहिए। इसमे गाड़ियों की कमी का बहाना नही होना चाहिये। साथ ही उन्होंने कहा कि यदि इस व्यवस्था के चलते किसी सफाई कर्मचारी की रोजी रोटी का सवाल हो तो उन्हें कहीं दूसरे स्थान पर समायोजित किया जाना चाहिए।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।