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April 14, 2025

सिखों के पवित्र तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खुले, इस बार पहले ही खुल गए थे लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट

सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के कपाट आज शनिवार 25 मई को खोल दिए गए। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब की यात्रा का भी आरंभ हो गया है। हेमकुंड साहिब परिसर में स्थित लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट गुरुवार 23 मई की सुबह 11 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब लोकपाल मंदिर के कपाट हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा के साथ नहीं खुले। पीढ़ियों से चली परंपरा के अनुसार अब तक दोनों धाम के कपाट एक ही दिन खोले और बंद किए जाते रहे हैं। इस संबंध में श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर समिति पुलना के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि शुक्रवार से कृष्ण पक्ष शुरू हो रहा है और शास्त्रों के अनुसार इस अवधि में मंदिरों के कपाट नहीं खोले जाने चाहिए। इसलिए शुक्ल पक्ष में ही बुद्ध पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त पर मंदिर के कपाट खोले गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आज से श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा प्रारंभ हो गई है। शुक्रवार को गोविंदघाट गुरुद्वारे से पंच प्यारों की अगुवाई में सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था कड़ी पुलिस सुरक्षा एवं बैंड बाजों की धुन और पवित्र निशान के साथ श्री हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ था। जत्थे ने रात्रि विश्राम घांघरिया स्थित गुरुद्वारे में किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आज शनिवार 25 मई की प्रातः यह जत्था हेमकुंड साहिबा के लिए रवाना हुआ। ‘बोले सो निहाल, सत श्री अकाल’ के जयकारों के साथ आज प्रातः 9:30 बजे श्री हेमकुंड साहिब के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिये खोल दिए गए। उत्तराखंड के पांचवें धाम के नाम से विश्व विख्यात हेमकुंड साहिब की यात्रा को सुगम बनाने के लिए प्रशासन और गुरुद्वारा कमेटी की ओर से हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सप्त श्रृंग पर्वत मालाओं के बीच 4,632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धाम में 18 किलोमीटर की पैदल कठिन चढ़ाई को पार कर पहुंचा जाता है। विगत दिनों सेना के जवानों ने हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग से बर्फ हटाकर आवाजाही सुचारू कर दी थी। धाम में अब भी कई फीट बर्फ जमी हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के समीप स्थित इस पौराणिक हिंदू तीर्थ श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में भी श्रद्धालु दर्शन के लिए आ सकते हैं। श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के बारे में लोक मान्यता है कि यहां इसी लोकपाल घाटी में पवित्र सरोवर के किनारे भगवान श्रीराम के भाई लक्ष्मण जी ने अपने पूर्व जन्म में शेषनाग अवतार के रूप में घोर तपस्या की थी। यह मंदिर श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारे के समीप पवित्र हिम सरोवर के निकट ही मौजूद है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समुद्र तल से 15 हजार 225 फीट की ऊंचाई पर होने के साथ साथ विश्व का सबसे ऊंचाई पर स्थित लक्ष्मण मंदिर है। यहां देश विदेश के कोने कोने से श्रद्धालु पहुंचते हैं. साथ ही यहां भ्यूंडार गांव के ग्रामीण पूजा अर्चना के लिए जाते हैं। हेमकुंड साहिब जी आने वाले सभी तीर्थयात्री श्री लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में मत्था टेकना नहीं भूलते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गौरतलब है कि 10 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा आरंभ हो गई थी। इसके बाद 12 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए थे। इस बार चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इसके लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। बगैर रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों को वापस लौटना पड़ रहा है। वहीं, 31 मई तक धामों में वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई हुई है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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