शीतकाल के लिए बंद हुए गंगोत्री धाम के कपाट, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट कल होंगे बंद, बदरीनाथ धाम के लिए अभी वक्त
आज शनिवार दो नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने से अब देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। कपाट खुलने से लेकर बंद होने तक गंगोत्री धाम में इस बार 8.22 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे हैं। वहीं यमुनोत्री धाम के कपाट कल भैया दूज पर तीन नवंबर को दोपहर 12.05 बजे बंद होंगे। इसके बाद मां यमुना के दर्शन खरसाली में होंगे। कल ही रविवार को केदारनाथ धाम के कपाट भी बंद होंगे। इसके अगले दिन चार नवंबर को तृतीय केदार, तुंगनाथ के कपाट बंद होंगे। साल 2024 में बदरीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात 9 बजकर 7 मिनट पर बंद होंगे। द्वितीय केदार, मद्महेश्वर के कपाट 20 नवंबर को बंद होंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
चारधामों में प्रमुख गंगोत्री धाम के कपाट आज शनिवार को अन्नकूट पर्व पर शीतकाल के लिए दोपहर 12.14 बजे बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के बाद मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन पड़ाव मुखबा स्थित गंगा मंदिर में होंगे। कपाट बंद होने से पहले शुक्रवार को गंगोत्री मंदिर का भव्य रूप से सजाया गया है। इससे पहले शुक्रवार को गंगोत्री धाम और गंगा घाट पर 5100 दीपक प्रज्वलित भी किए गए। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट शनिवार को अन्नकूट के अवसर पर 12.14 बजे बंद किए गए। इसके बाद डोली मुखवा के लिए प्रस्थान कर गई। डोली रात्रि निवास चंडेश्वरी देवी मंदिर (मार्कंडेय मंदिर) में निवास करेंगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीन नवंबर को गंगा की डोली मुखवा के लिए पहुंचेगी। यमुनोत्री पंडा पुरोहित सभा के अध्यक्ष पुरुषोत्तम उनियाल ने कहा कि तीन नवंबर को भैया दूज के अवसर पर सुबह सात बजे खरसाली से शनि महाराज की डोली यमुनोत्री के लिए रवाना होगी। दोपहर 12.05 बजे यमुनोत्री के कपाट बंद किए जाएंगे। इसके बाद शनि महाराज के नेतृत्व में मां यमुना की डोली खरसाली पहुंचेगी। कपाट बंद होने के बाद खरसाली में स्थित यमुना मंदिर में मां यमुना के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।