विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए हुए बंद, कल बंद होंगे केदारनाथ धाम और यमुनोत्री के कपाट
उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम में कपाट बंदी के मौके पर पूरा माहौल भक्तिमय और उत्साहजनक था। इस मौके पर जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री के जवान सेना के बैंड के साथ मौजूद रहे। बैंड की धुन के साथ ही गंगा मैया के जयकारों से भक्ति और उल्लास का माहौल था। अब कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उधर, द्वादश ज्योर्तिलिंगों में शामिल भगवान केदारनाथ के कपाट 27 अक्टूबर यानी भैयादूज पर्व पर सुबह साढ़े आठ बजे वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक परंपराओं के साथ विधिविधान से शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। कपाट बंद होने के बाद भगवान की पंचमुखी उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए प्रथम पड़ाव फाटा, 28 अक्टूबर को भोले बाबा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 29 अक्टूबर को पंचगद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं व भक्त दर्शन कर सकेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, यमुनोत्री धाम के कपाट भी भैया दूज पर 27 अक्टूबर को दोपहर 12: 09 बजे बंद होंगे। यमुना की डोली लेने के लिए खरशाली गांव से शनि महाराज की डोली 27 अक्टूबर की सुबह यमुनोत्री पहुंचेगी। शीतकाल में यमुना के दर्शन खरशाली स्थित यमुना मंदिर में होंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। विजयादशमी के दिन धाम के कपाट बंद होने की तिथि की घोषणा की गई थी। बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन स्थलों पर ही चारधामों की पूजाएं होंगी। साथ ही शीतकालीन यात्रा भी प्रारंभ हो जाएगी।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।