12 मई की सुबह छह बजे खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, केदारनाथ की घोषणा बाकी, गंगोत्री और यमुनोत्री का समय तय होना बाकी
इस बार वर्ष 2024 में बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को ब्रह्ममुहुर्त में सुबह छह बजे खुलेंगे। आज बसंत पंचमी के अवसर पर नरेंद्रनगर (टिहरी) स्थित राजदरबार में कपाट खुलने की तिथि घोषित की गई। वहीं केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि शिवरात्रि के मौके पर आठ मार्च को तय होगी। यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया के दिन खोले जाते हैं। ऐसे में इन धामों के कपाट खोलने का समय तय होना अभी बाकी है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व तिल का तेल पिरोने के बाद गाडूघड़ा नरेंद्रनगर राजदरबार से डिम्मर होते हुए श्री नृसिंह मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। कपाट खुलने के बाद यह तेल-कलश भगवान बदरी विशाल के नित्य अभिषेक के लिए प्रयोग में लाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि नरेंद्र नगर स्थित राजदरबार में बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर तय की गई। महाराजा मनुज्येंद्र शाह ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 12 मई को 6 बजे ब्रह्ममुहूर्त को खोले जाएंगे। 14 फरवरी बुधवार को बसंत पंचमी के अवसर पर श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत द्वारा गाडू घड़ा नरेंद्र नगर स्थित राजमहल को सौंपा गया। इसके बाद राजमहल में 25 अप्रैल को गाडू घड़ा में तिलों का तेल पिरोकर कपाट खुलने से पूर्व बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय करने की प्रक्रिया के लिए गाडूघड़ा (तेल-कलश) श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर डिम्मर से मंगलवार शाम श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के चंद्रभागा स्थित विश्राम गृह पहुंच गया था। जहां श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति सहित श्रद्धालुओं ने तेल-कलश का स्वागत किया। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि श्री डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत की ओर से गाडूघड़ा राजमहल को सौंपा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद राजमहल से गाडूघड़ा में तिल का तेल पिरोया गया। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व तिल का तेल पिरोने के बाद गाडूघड़ा नरेंद्रनगर राजदरबार से डिम्मर होते हुए श्री नृसिंह मंदिर, योग बदरी पांडुकेश्वर से श्री बदरीनाथ धाम पहुंचाया जाएगा। कपाट खुलने के बाद यह तेल-कलश भगवान बदरी विशाल के नित्य अभिषेक के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।