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December 23, 2024

गैरसैंण का विकास, रास्ते में पड़ी भाइयों की पहले उजाड़ी चाय की दुकान, अब मकान तोड़ने की तैयारी

आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत पर चलने वाले दो भाइयों की चाय की दुकान नेताओं और मंत्रियों के रास्ते की भेंट चढ़ गए। साथ ही दोनों बेरोजगार हो गए। उनकी दुकान तोड़ने के बाद भी जब मन नहीं बना तो उनके घर को भी तोड़ने के लिए नापजोख करने को सरकारी अमला पहुंच गया।

आत्मनिर्भर भारत के सिद्धांत पर चलने वाले दो भाइयों की चाय की दुकान नेताओं और मंत्रियों के रास्ते की भेंट चढ़ गए। साथ ही दोनों बेरोजगार हो गए। उनकी दुकान तोड़ने के बाद भी जब मन नहीं बना तो उनके घर को भी तोड़ने के लिए नापजोख करने को सरकारी अमला पहुंच गया। भाकपा (माले) के गढ़वाल सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने आत्मनिर्भर से बेरोजगार हुए दो भाइयों की व्यथा को उजागर करते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, लोक निर्माण मंत्री, मुख्य सचिव, जिलाधिकारी चमोली, लोक निर्माण विभाग गैरसैंण चमोली के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजा है। साथ ही इनकी मदद की मांग की।
इंद्रेश मैखुरी के मुताबिक, चमोली जिले के गैरसैण ब्लॉक के भराड़ीसैण में जहां उत्तराखंड की विधानसभा है, उस स्थल तक जाने के लिए दिवालीखाल से सड़क को चौड़ा करने का काम लोक निर्माण विभाग गैरसैण की ओर से किया जा रहा है। आरोप है कि इस सड़क को चौड़ा करने के काम में जिस तरह की मनमानी की जा रही है, वह बेहद दुखद है। साथ ही आम जनता के लिए बेहद कष्टकारी सिद्ध हो रही है।
इंद्रेश मैखुरी के मुताबिक 26 सितंबर 2021 को दिवालीखाल में दुकान संचालित करने वाले दो भाइयों कुन्दन सिंह नेगी और देवेंद्र सिंह नेगी को दुकान हटाने का नोटिस लोकनिर्माण विभाग की ओर से दिया गया। 28 सितंबर 2021 को इनकी दुकानों को सड़क को चौड़ा करने के नाम पर तोड़ दिया गया। ये दुकानें इन दोनों के रोजगार का आधार थी। साथ ही ये तकरीबन 60 वर्ष से अधिक पुरानी थी। जो इनके पिता स्व. श्री घनश्याम सिंह नेगी की ओर से शुरू की गयी थी। इन दुकानों को तोड़े जाने की एवज में दोनों भाइयों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया। ना ही कोई वैकल्पिक इंतजाम लोकनिर्माण विभाग द्वारा सुनिश्चित किया गया।
उन्होंने कहा कि स्व. घनश्याम सिंह नेगी के जिन दो बेटों की दुकानें दिवालीखाल में तोड़ दी गई, वे उत्तराखंड सरकार की ओर से चिह्नित राज्य आंदोलनकारी हैं। इन दोनों भाइयों में से बड़े भाई कुन्दन सिंह नेगी भी उत्तराखंड सरकार की ओर से चिह्नित राज्य आंदोलनकारी हैं। बेहद खेद का विषय है कि जिनको राज्य की सरकार स्वयं राज्य निर्माण का सेनानी मान रही है, उनके रोजगार को उसी सरकार द्वारा नष्ट किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हद यहां भी समाप्त नहीं हुई और जले पर नकम छिड़का जा रहा है। इन दोनों भाइयों का रोजगार नष्ट करके ही लोकनिर्माण विभाग गैरसैण को तसल्ली नहीं हुई। इसलिए 15 अक्टूबर 2021 को वे पुनः इनके मकान का बचा हुआ हिस्सा तोड़ने के लिए चिह्नित करने पहुँच गए। प्रश्न यह है कि यदि सड़क चौड़ी होनी है तो कोई पूर्व निर्धारित योजना होगी। क्या हटाया जाना है, क्या नहीं। एक महीने में दूसरी बार इन दोनों भाइयों की दुकानें तोड़ने के बाद उनके घर के बाकी हिस्से को भी तोड़ने के लिए निशान लगाना तो पूरी तरह लोकनिर्माण विभाग गैरसैण के मनमानेपन और योजनाहीनता को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने मांग की है कि दिवालिखाल में अचानक से तोड़ी गयी दुकानों का समुचित मुआवजा एवं दुकानों पुनः बना कर इन दोनों भाईयों को दी जाएं। उनके आवास के हिस्से को तोड़ने के दायरे से बाहर किया जाए। इसी तरह किसी अन्य व्यक्ति के घर अथवा दुकान को इस तरह तोड़ने से पहले उसे समुचित मुआवजा दिया जाए तथा उसके पुनर्वास का समुचित इंतजाम किया जाए। साथ ही चेतावनी दी कि कुंदन सिंह नेगी और देवेंद्र सिंह नेगी को अगर तत्काल राहत नहीं प्रदान की गयी तो प्रभावित परिवार के साथ उनकी तोड़ी गयी दुकानों के मलबे के ऊपर ही धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया जाएगा। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग गैरसैण की होगी।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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