राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल की परिवहन सचिव से हुई वार्ता, लंबित मांगों पर हुई चर्चा

उत्तराखंड में राज्य कर्मचारी संघ परिषद के प्रतिनिधिमंडल की परिवहन सचिव के साथ वार्ता हुई। इस वार्ता के लिए परिवहन सचिव बीके संत ने ही परिषद नेताओं को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था। इसमें परिषद के प्रतिनिधियों ने परिवहन विभाग के प्रवर्तन कार्मिकों की समस्याओं को लेकर अपना पक्ष प्रस्तुत किया। साथ ही परिवहन कार्मिकों की लंबित समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए उनके निराकरण की मांग की। इस वार्ता की जानकारी परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे एवं प्रदेश महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
परिषद नेताओं ने उठाए ये बिंदु
1- अक्टूबर 2005 से पूर्व विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन प्रदान किए जाने के लिए राज्य सरकार के आदेशों के अनुकम में तीन अप्रैल 2025 को निदेशक कोषागार पेंशन हकदारी की ओर से परिवहन विभाग के सचिव को पुरानी पेंशन के लिए पात्र कर्मचारियों की सूची प्रेषित की गयी थी। इस पर अभी तक शासनादेश नही हो पाया है। इससे कार्मिको के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड रहा है।
2- उत्तराखंड राज्य में एक समान कार्य पद्धति वाले विभागों में आबकारी, वन एवं परिवहन विभाग के वर्दीधारी कार्मिको को पुलिस के समान भत्ते जैसे वर्दी भत्ता, धुलाई भत्ता, पौष्टिक आहार भत्ता एवं प्रवर्तन कार्यवाही के दौरान वीरगति (मृत्यु) होने पर 15 लाख रूपये प्रदान किए जाने के संबंध में वित्त विभाग की ओर से सूचना व आख्या शासन को उपलब्ध कराने की अपेक्षा की गयी। इसमें मुख्यालय ने शासन को अभी तक सूचना उपलब्ध नही कराई।
3- लम्बे समय से परिवहन उपनिरीक्षक एवं सहायक परिवहन निरीक्षक के रिक्त पदो पर पात्र कार्मिक होने के बावजूद भी पदोन्नति नहीं हो पायी है। इस कारण मोटरसाइकिल प्रवर्तन दलो में उपनिरीक्षक की तैनाती नही हो पाने से बाइक स्क्वार्ड के प्रवर्तन कार्य संबधित विभागीय लक्ष्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही पदोन्नति की राह देख रहे कार्मिको के मन में उदासीनता का भाव उत्पन्न हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
4- विभाग में वर्ष 2021-2022 में नियुक्त परिवहन आरक्षियो के स्थायीकरण की प्रक्रिया भी लम्बित है।
5- वर्तमान में प्रवर्तन दलो में कार्यरत प्रवर्तन कार्मिको की ओर से प्रतिदिन 10 से 12 घंटे ड्यूटी की जा रही है। राजपत्रित अवकाश, द्वितीय शनिवार तथा प्रत्येक रविवार को निरंतर मुख्यालय और सम्भागीय परिवहन कार्यालय की ओर से ड्यूटी के लिए आदेशित किया जा रहा है। इससे कार्मिको को कोई साप्ताहिक अवकाश तक नहीं मिल पा रहा है। इसका सीधा असर उनके मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। इस कारण अधिकतर प्रवर्तन कर्मी गंभीर रोग ग्रसित होकर सेवानिवृत्ति से पहले ही 55 से 60 वर्ष की आयु में ही अल्पमृत्यु को प्राप्त हो रहे है। मांग की गई कि किन्ही विशेष परिस्थिति के अतिरिक्त अवकाश के दिन ड्यूटी नही लगाई जाए।
6- विभाग में तीन वर्ष पूर्व पदोन्नत परिवहन उपनिरीक्षको की वर्दी पोशाक एवं वेश-भूषा के निर्धारण से सम्बन्धित नियमावली शासन स्तर पर लम्बित है। इस कारण परिवहन उपनिरीक्षक को अपने दायित्वों के निर्वहन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये मिला आश्वासन
परिवहन सचिव ने परिषद के प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि परिषद की ओर से प्रस्तुत मांगों पर तत्काल निर्णय दिए जाएंगे एवं कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। वार्ता के दौरान परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री के साथ ही नीरज कुमार एवं महेंद्र बोहरा भी शामिल थे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।