उत्तराखंड में यूसीसी के लिए गठित समिति ने मुख्यमंत्री को सौंपा ड्राफ्ट, कांग्रेस ने कहा- दाग छुपाने का प्रपंच

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लिये सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में बनी समिति ने शुक्रवार को ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा चुनाव 2022 से पूर्व हमने उत्तराखण्ड राज्य की जनता से भारतीय जनता पार्टी के संकल्प के अनुरूप उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने वादे के मुताबिक हमने सरकार गठन के तुरंत बाद ही पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन का निर्णय लिया था और 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई। समिति में सिक्किम उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश प्रमोद कोहली, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुरेखा डंगवाल एवं समाजसेवी मनु गौड़ को सम्मिलित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
समिति द्वारा दो उप समितियों का गठन भी किया गया। जिसमें से एक उपसमिति का कार्य संहिता का प्रारूप तैयार करने का था। दूसरी उपसमिति का कार्य प्रदेश के निवासियों से सुझाव आमंत्रित करने के साथ ही संवाद स्थापित करना था। समिति द्वारा देश के प्रथम गांव माणा से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए प्रदेश के सभी जनपदों में सभी वर्ग के लोगों से सुझाव प्राप्त किये गये। इस दौरान कुल 43 जनसंवाद कार्यक्रम किये गये और प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों के साथ 14 जून 2023 को नई दिल्ली में चर्चा के साथ ही संवाद कार्यक्रम पूर्ण किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट तैयार करने के लिये समाज के हर वर्ग से सुझाव आमंत्रित करने के लिये 08 सितम्बर 2022 को एक वेब पोर्टल लॉन्च करने के साथ ही राज्य के सभी नागरिकों से एसएमएस और वाट्सअप मैसेज द्वारा सुझाव आमंत्रित किये गये। समिति को विभिन्न माध्यमों से दो लाख बत्तीस हजार नौ सौ इक्सठ (2,32,961) सुझाव प्राप्त हुए। जो कि प्रदेश के लगभग 10 प्रतिशत परिवारों के बराबर है। लगभग 10 हजार लोगों से संवाद एवं प्राप्त लगभग 02 लाख 33 हजार सुझावों का अध्ययन करने के लिए समिति की 72 बैठकें आहूत की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा समिति से रिपोर्ट प्राप्त कर राज्य की जनता एवं राज्य सरकार की ओर से समिति के सभी विद्वान सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया और आशा की गई कि समिति के सदस्यों का यह योगदान राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिये एक मील का पत्थर साबित होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस रिपोर्ट का अध्ययन और परीक्षण कर यथाशीघ्र उत्तराखंड राज्य के लिये समान नागरिक संहिता कानून का प्रारूप तैयार कर संबंधित विधेयक को आगामी विधान सभा के विशेष सत्र में रखेगी। इस कानून को लागू करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, विनय शंकर पाण्डेय, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, समान नागरिक संहिता के सदस्य सचिव अजय मिश्रा एवं महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी उपस्थित थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एआईसीसी के सदस्य व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने देसाई समिति द्वारा सरकार को यूसीसी पर अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने पर पार्टी का रुख साफ किया। उन्होंने कहा कि यूसीसी की मांग न तो जनता कर रही है, न ही भाजपा को छोड़ कर कोई राजनैतिक दल या कोई सामाजिक संगठन कर रहा है। यह भाजपा का अपने असफल कार्यकाल व अपने भ्रस्टाचार को ढकने के लिए किया जा रहा प्रपंच है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
अपने कैम्प कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि राज्य की जनता प्रदेश के अंदर एक सख्त भू कानून की मांग कर रही है और भाजपा लोगों को यूसीसी का झुनझुना पकड़ा रही है। इसका राज्य की आम जनता से व राज्य के बेरोजगारों की समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी यूसीसी पर अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया यूसीसी का मसौदा सार्वजनिक किए जाने के बाद देगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता भर्ती घोटाले की बात करती है। अंकिता भंडारी हत्याकांड के पीछे वीवीआइपी कौन था, ये पूछती है। खनन, कृषि व अन्य घोटालों के बारे में सरकार से सवाल जवाब करती है। वहीं, सरकार यूसीसी का राग अलापने लगती है। उन्होंने कहा कि यूसीसी से राज्य का क्या भला होगा, इसके बारे में सरकार या भाजपा कुछ बताने को तैयार नहीं है।
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Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।