भारत में विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट दर्ज, 116 अरब डॉलर घटा

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार का लगातार घटना भारतीय रिजर्व बैंक के लिए बड़ी चिंता का विषय भी है। आज आरबीआइने डेटा जारी करके बताया है कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल से ज्यादा के निचले स्तर तक चला गया है। देश की करेंसी रुपये की गिरावट इसकी बड़ी वजह भी है और फॉरेन करेंसी ऐसेट्स भी घटे हैं। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 अक्टूबर को 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया है। ये इसका 2 साल से भी ज्यादा का निचला स्तर है। आरबीआइने डेटा जारी करके बताया है कि रुपये की लगातार गिरावट को थामने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार में कमी देखी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
स्पॉट फॉरेक्स रिजर्व जो पिछले साल सितंबर में 642.45 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था, अब ये गिरकर 117.93 अरब डॉलर पर आ गया है। इसकी भारी गिरावट इस बात का इशारा कर रही है कि आर्थिक मोर्चे पर सब कुछ स्वर्णिम काल जैसा अच्छा नहीं है। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी गिरावट का कारण है कि देश की करेंसी रुपया लगातार निचले स्तरों पर जा रहा है जिसको थामने के लिए आरबीआइको अपने खजाने से और डॉलर की बिकवाली करनी पड़ सकती है। इसके चलते फॉरेक्स रिजर्व और घटेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के पीछे वजह ये भी है कि यहां फॉरेन करेंसी ऐसेट्स तेजी से घट रहे हैं और इसका असर विदेशी मुद्रा भंडार पर देखा जा रहा है। चिंता करने वाली बात ये भी है कि पिछले 12 में से 11 हफ्तों में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट ही दर्ज की गई है और ये आंकड़ा देश के खजाने की विकट स्थिति को बढ़ा सकता है। फॉरेन करेंसी ऐसेट्स को देखें तो 21 अक्टूबर को खत्म हफ्ते में ये 3.59 अरब डॉलर घटकर 465.08 अरब डॉलर पर आ गए हैं। इसके अलावा गोल्ड रिजर्व 247 लाख डॉलर से घटकर 37.21 लाख डॉलर पर आ गया है।

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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।