भारत में दुनियां का सबसे बड़ा कोरोना टीकाकरण शुरू, पीएम ने किया उद्घाटन, पहले दिन उत्तराखंड में 2226 को लगे टीके
भारत में आज 16 जनवरी, शनिवार से कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुबह 10:30 बजे देश में पहले चरण के कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत की। लगभग सभी राज्यों में वैक्सीन पहुंचाई जा चुकी है। आज पहले दिन देशभर में तीन लाख लोगों को टीके लगाने का लक्ष्य है।
उत्तराखंड में इन्हें लगे पहले टीके
देहरादून में दून अस्पताल में सबसे पहले टीका वॉर्ड ब्वॉय शैलेंद्र द्विवेदी को लगाया गया। वे लंबे समय से कोविड वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं। वहीं, ऋषिकेश राजकीय अस्पताल में वॉर्ड ब्वॉय शिव सिंह नेगी को पहला टीका लगाया गया। नैनीताल के बीडी पांडेय अस्पताल में सीएमएस डा केएस धामी व एसटीएच में एमएस डा अरुण जोशी को पहला टीका लगाकर टीकाकरण अभियान की शुरुआत हुई। देहरादून में सीएम स्वयं इस मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि दवा पूरी तरह सुरक्षित है।
इनके साथ ही पिथौरागढ महिला अस्पताल में पहला टीका जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. कुंदन कुमार को, काशीपुर एलडी भट्ट अस्पताल में कोरोना नोडल अधिकारी अमरजीत सिंह , नौगांव सीएच सी में फार्मासिस्ट गणेश प्रकाश डिमरी को, हरिद्वार जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रोशनाबाद में आशा कार्यकर्ती संजीता को पहला टीका लगाया गया। सभी लोगों को आबजर्वेशन में रखा गया। कई स्थानों पर पहला टीका लगाने पर उपस्थित लोगों ने ताली भी बजाई।
हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में 64 को लगाए टीके
हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में कोविड टीकाककरण के महाभियान के तहत पहले दिन 64 हेल्थ और फ्रंटलाइन वर्कर के टीके लगाए गए। टीकाकरण के बाद सभी में उत्साह दिखा। सभी ने लोगों से टीके को सुरक्षित बताते हुए टीकाकरण में सहयोग की अपील की।
शनिवार को प्रधानमंत्री जी के द्वारा कोविड के राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के उद्घाटन के बाद हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट में टीकाकरण शुरू किया गया। कुलपति डॉ. विजय धस्माना ने कहा कि कोविड संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन एक सुरक्षा चक्र है। डॉ.धस्माना ने अपील करत हुए कहा कि टीकाकरण के बाद भी लोग कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिशा-निर्देशों का पूर्ण रुप से पालन करें।
एम्स ऋषिकेश में 100 को लगाए गए टीके
शनिवार से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कोविड19 टीकाकरण अभियान शुरू हो गया। इसके तहत पहले दिन करीब 100 हैल्थ केयर वर्करों को वैक्सीन लगाई गई। एम्स ऋषिकेश में निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने फीता काटकर संस्थान में टीकाकरण अभियान का विधिवत शुभारंभ किया। इस अवसर पर कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सबसे पहला टीका एम्स के कोविड सेंटर में तैनात महिला हाउस कीपिंग स्टाफ मीना देवी को लगाया गया।
पीएम मोदी ने किया वर्चुअली उद्घाटन
टीकाकरण का वर्चुअली उद्घाटन करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा किआज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे। आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं। इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई। कोरोना की वैक्सीन आ गई। भारतवासियों को बहुत बहुत बधाई।
याद दिलाया दो डोज लगनी है।
पीएम मोदी ने कहा कि मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है। पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा। दूसरी डोज लगने के दो हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध जरूरी शक्ति विकसित हो पाएगी।
दूसरे चरण को 30 करोड़ तक ले जाना है
पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं, जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है। भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है।
हमारा सिस्टम पूरे विश्व में विश्वसनीय
पीएम मोदी ने कहा कि जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा। आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं। खुद भारत, चीन और अमेरिका। भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है। हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है।
कोरोना से लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है। इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा। संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था। हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और दूसरे फ्रंटलाइन वर्कस सेवा में जुटे रहे। आज इन्हीं को ही पहला टीका लगाया जा रहा है।
भारत ने सही समय पर लिए सही फैसले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए। 30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था। पिछले साल आज का ही दिन था जब हमने बाकायदा सर्विलांस शुरु कर दिया था। 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी। भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।
जनता कर्फ्यू संयम और अनुशासन का परीक्षण
पीएम मोदी ने कहा कि जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ। जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया। हमने ताली-थाली और दीए जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा।
चीन में फंसे लोगों लाए वापस
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया। और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए:
एक देश में भेज दी पूरी लैब
पीएम ने कहा कि-मुझे याद है, एक देश में जब भारतीयों को टेस्ट करने के लिए मशीनें कम पड़ रहीं थीं तो भारत ने पूरी लैब भेज दी थी। ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो। भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है।
भारत ने रखा एक उदाहरण
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा।
डीसीजीआइ की ओर से आपातकालीन इस्तेमाल के लिए सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीनको मंजूरी दी गई है। पहले फेज में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन दी जाएगी। इनकी संख्या करीब तीन करोड़ है। पूरे देश में एक साथ टीकाकरण अभियान की शुरुआत होगी और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3,006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं। पहले दिन तीन लाख लोगों को टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
उत्तराखंड में 50 हजार स्वास्थ्य कर्मियों के वैक्सीनेशन से शुरूआत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दून अस्पताल के नवीन ओपीडी में इस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। दून अस्पताल में चिकित्सकों और हेल्थवर्करों के टीकाकरण से राज्य के सभी 13 जिलों में कोविड-19 के टीकाकरण का शुभारम्भ किया गया। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया गया है। राज्य को पहले चरण में एक लाख 13 हजार वैक्सीन उपलब्ध हुई है। 50 हजार स्वास्थ कर्मियों के टीकाकरण से इसकी शुरूआत की जा रही है। इसके बाद फ्रंट लाईन वर्कर, 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोविड का वैक्सीनेशन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने विषम परिस्थितियों में कार्य करते हुए कोरोना महामारी को काफी हद तक नियंत्रित किया। अपनी जान की परवाह किये बगैर उन्होंने जन सेवा की। दून मेडिकल काॅलेज द्वारा मृत्युदर कम करने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी लोगों का कोविड टीकाकरण किया जायेगा। उन्होंने जनता से अपील की कि टीकाकरण के लिए भ्रामक प्रचार और अफवाहों से बचें। कोविड से बचाव के लिए टीकाकरण के बाद भी पूरी सतर्कता बरती जाय, क्योंकि 28वें दिन में दूसरा टीका लगने के बाद 02 सप्ताह एण्टी बॉडी विकसित होने में लगते हैं। तब तक बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दृष्टिगत 20 हजार अतिरिक्त वैक्सीन के लिए केन्द्र सरकार से अनुरोध किया गया है। इस अवसर पर मेयर श्री सुनील उनियाल गामा, विधायक श्री खजानदास, स्वास्थ्य सचिव श्री अमित नेगी, प्रभारी सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती आदि उपस्थित थे।
पहले दिन उत्तराखंड में 2226 को लगाए गए टीके
उत्तराखंड में कोविड-19 वैक्सीनेशन के शुभारम्भ के प्रथम दिन की प्रगति के बारे में जानकारी देते हुए राज्य नोडल अधिकारी एवं मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका ने बताया कि आज 34 चिकित्सालयों पर टीकाकरण सत्र आयोजित किए गए। जहां पर 3178 हैल्थ केयर वर्कर्स को टीकाकरण किया जाना था। इसके सापेक्ष सत्र के समाप्त होने शाम पांच बजे तक 2226 हेल्थ केयर वर्कर्स को टीके लगाए गए। जो निर्धारित लक्ष्य का 70 प्रतिशत है।
मिशन निदेशक श्रीमती सोनिका ने बताया कि हैल्थ केयर वर्कर्स को वैक्सीन लगने के प्रथम दिन सभी कोविड अस्पतालों में भी टीकाकरण सत्र आयोजित गए हैं। जिनके अन्तर्गत 2 प्राईवेट अस्पताल कमशः हिमालयन अस्पताल, जौलीग्रान्ट एवं गुरुरामराय अस्पताल, देहरादून में भी वैक्सीनेशन का कार्य किया गया। कोविड वैक्सीन के टीकाकरण अभियान की निगरानी एवं पर्यवेक्षण के लिए राज्य कन्ट्रोल रूम द्वारा आज प्रातः आठ बजे से ही कार्य करना शुरू कर दिया था।
राज्य कन्ट्रोल रूम के चीफ ऑपरेशन आफीसर डॉ. अभिषेक त्रिपाठी के अनुसार सभी 34 अस्पतालों पर टीकाकरण सत्र निर्धारित समय से आरम्म हो गए थे और हैल्थ केयर वर्कर्स को कोविन पोर्टल पर किए पंजीकरण के अनुसार भेजे गए सदेश के क्रम में टीकाकरण किया गया। डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि वैक्सीनेशन अभियान पूर्णतः भारत सरकार की ऑपरेशनल गाईड लाईन के अनुसार संचालित किया गया तथा अभियान की ट्रेकिंग टीकाकरण सत्र से लेकर भारत सरकार के स्तर तक की निरन्तर गई।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।