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November 14, 2024

अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों ने सीएम धामी को भेजा पत्र, मांगा पति और पत्नी का मकान किराया भत्ता

उत्तराखंड में अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों ने एक ही आवास में रहने वाले पति-पत्नी शिक्षकों व कार्मिकों के लिए मकान किराया भत्ता अनुमन्य करने की मांग प्रदेश सरकार से की है। इसके लिए आज शनिवार को बाकायदा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा गया है। इस पत्र में विभिन्न महाविद्यालयों के दस शिक्षकों ने हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही विभिन्न पांच शासनादेशों का हवाला दिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पत्र में हस्ताक्षर करने वाले शिक्षकों के नाम
डीएवी महाविद्यालय देहरादून के रसायन विभाग के प्रोफेसर डॉ. प्रशांत सिंह की ओर से भेजी गई सीएम को ईमेल में डा. सिंह के साथ ही इसी महाविद्यालय के डॉ. आरबी पांडेय, डॉ. राजेश सिंह रावत, डॉ. अल्पना निगम, डा. निशा वालिया, डॉ. अतुल सिंह, डॉ. अतुल सिंह, अंजू पांडे, डीडब्यूटी कॉलेज की डॉ. अर्चना सिंह, एमकेपी पीजी कॉलेज की डॉ. रेणु सक्सैना, डीबीएस महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. राकेश सिंह के हस्ताक्षर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये भेजा गया है पत्र
माननीय महोदय,
कृपया उपरोक्त संदर्भित पत्रों का संज्ञान, सम्बन्धित विषय सहित सादर ग्रहण करने का कष्ट करें। इस सम्बन्ध में आपको विनम्रता से निम्नलिखित तथ्यों से हम सभी अधोहस्ताक्षरी देहरादून तथा हरिद्वार के महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकायें तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण, जो कि उत्तराखण्ड के अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत हैं, अवगत कराना तथा आपका ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं- (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

1.उत्तराखण्ड का उद्भव, जिस राज्य उत्तर प्रदेश से हुआ है, उस उत्तर प्रदेश शासन के बड़ी संख्या में जारी शासनादेशों का उपयोग उत्तराखण्ड शासन के विभिन्न विभाग आतिथि तक, शासकीय कार्यों सहित जनहित कार्यों में भी करते रहे हैं व कर रहे हैं तथा इसके सम्बन्ध में एक अपना शासनादेश भी उत्तराखण्ड शासन द्वारा प्रदेश में जारी एवं लागू हैं। उत्तर प्रदेश के वित्त विभाग के शासनादेश संख्या दिनांक 29-12-2016(संलग्नक-1) के द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थाओं, माध्यमिक व उच्च शिक्षा आदि में 2016 से ही कार्यरत/सेवायोजित पति तथा पत्नी दोनों को किराया भत्ता प्रदान करने की अनुमति प्रदान कर दी गई थी तथा उक्त का तब से ही उत्तर प्रदेश में अनुपालन तथा तद्सम्बन्धी भुगतान भी हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

2.उत्तराखण्ड शासन के वित्त विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के मकान किराये के पति-पत्नी दोनों को अनुमन्यता के आदेश के 5 वर्षों बाद, उत्तराखण्ड में भी राजकीय सेवा में पति-पत्नी दोनों के एक ही स्टेशन पर कार्यरत होने एवं एक ही आवास में रहने पर पति तथा पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने के लिए शासनादेश दिनांक 28-12-2021 (संलग्नक-2) को जारी किया गया, जो कि 1-1-2022 से प्रदेश में लागू/प्रभावी किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस शासनादेश का लाभ प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय महाविद्यालयों व स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में कार्यरत पति-पत्नी शिक्षकों व कार्मिकों को दिनांक 1-1-2022 से लगातार प्राप्त हो रहा है, किन्तु प्रदेश के सरकारी सहायता/अनुदान प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के सम्भावित लाभार्थी शिक्षकों, शिक्षिकाओं, कार्मिकों (पति-पत्नी) के लिए प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लम्बे समय तक सम्बन्धित मकान किराया भत्ता पति-पत्नी को दोनों को दिये जाने सम्बन्धी न तो कोई कार्यवाही ही की गई व न ही कोई शाासनादेश जारी किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यहाँ यह महत्वपूर्ण तथ्य उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में जहाँ उत्तर प्रदेश शासन में बिना किसी भेदभाव के सभी प्रकार की शिक्षण संस्थाओं में कार्यरत सभी पति-पत्नी शिक्षक/कार्मिकों को अर्थात् राजकीय व अशासकीय विद्यालयों व महाविद्यालयों में एक साथ लाभ देकर एक स्वस्थ व बेहतर परम्परा का उदाहरण प्रस्तुत किया गया, वहीं उत्तराखण्ड उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अनुदानित अशासकीय महाविद्यालयों के सम्बन्धित लाभार्थियों के लिये अपने स्तर से शुरूआत ही नहीं की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

3.शासनादेश दिनांक 28-12-2021 (संलग्नक-1) का अनुपालन करते हुए प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग/विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड के वित्त नियंत्रक द्वारा नियमानुसार आवश्यक कदम उठाते हुए पत्रांक 3-8-2022 (संलग्नक-3) द्वारा विद्यालयी शिक्षा के अधीन अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में सेवारत कार्मिकों को राजकीय कार्मिकों की भाँति, पति तथा पत्नी दोनों को एक ही स्टेशन पर कार्यरत होने व एक ही आवास में रहने पर, मकान किराया भत्ता दिलवाने के आदेश निर्गत कर दिये गये, जिससे कि प्रदेश भर में सम्बन्धित शासनादेश (संलग्नक-1) की व्यवस्थानुसार समान रूप से राजकीय व शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत कर्मियों पति-पत्नी को किराये भत्ते का भुगतान भी मूल शासनादेश में वर्णित तिथि 1-1-2022 से हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अतः स्पष्ट है कि जहाँ उत्तर प्रदेश में सभी प्रकार की शिक्षण संस्थाओं (माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा सहित राजकीय/अशासकीय काॅलेजों) तथा विश्वविद्यालयों में कार्यरत कर्मिकों पति व पत्नी को किराया भत्ता प्राप्त हो रहा है, वहीं उत्तराखण्ड में यह लाभ राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत पति-पत्नी को ही मिल रहा है तथा प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग से राजकीय विद्यालयों की भाँति, समान रूप से आच्छादित होने के बाद भी राजकीय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में सम्बन्धित शासनादेश 28-12-2021 लागू ही नहीं किया गया, जिस वजह से यह विषय/कारण प्रदेश भर में कार्यरत शिक्षकों/कार्मिकों (पति-पत्नी) में बड़ी निराशा का संचार कर रहा है तथा सभी इसे अपने साथ भेदभाव मानते हुए अत्यन्त पीड़ा का अनुभव कर रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

4.प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के कार्मिकों व शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारी संगठनों/संघों आदि की एक ही आवास में रहने वाले पति-पत्नी शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने के लगातार अनुरोधों व मांग पत्रों के पश्चात, 28-9-2022 (संलग्नक-4) को निदेशक उच्च शिक्षा, उत्तराखण्ड द्वारा सम्बन्धित पत्र जारी किया गया, जिसमें उन्होंने उच्च शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन के पत्रांक 261/ग्ग्प्ट.ब्.3ध्2022 दिनांक 14-7-2022 का हवाला देते हुए, निम्नलिखित दो बिन्दुओं पर सूचना प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों से निदेशालय को उपलब्ध कराने हेतु निर्देश दिया-
(A)महाविद्यालयों में कार्यरत ऐसे शिक्षक/शिक्षणेत्तर कार्मिकों (पति-पत्नी) की संख्या, जिन्हें शासनादेश सं0 322 दिनांक 28-12-2021 (संलग्नक-2) का लाभ दिया जाना है।
(B)उपरोक्त शासनादेश (संलग्नक-2) का लाभ दिये जाने पर मासिक/वार्षिक व्ययभार (1-1-2022 से अद्यतन) का विवरण। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उच्च शिक्षा निदेशालय के उक्त पत्र से सम्बन्धित कार्यरत कार्मिकों (पति-पत्नी) में अत्यन्त खुशी का माहौल छा गया तथा कुछ समय पश्चात सभी प्रादेशिक अशासकीय महाविद्यालयों द्वारा तत्सम्बन्धी सूचना (लाभार्थियों की संख्या तथा 1 जनवरी 2022 से सितम्बर 2022 तक का व्यय भार व मासिक मकान किराये भत्ते का विवरण) भी उपलब्ध करा दी गयी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके पश्चात् इस बात/पत्र का इंतजार किया जाने लगा कि अब शीघ्र ही प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, जो कि यू0जी0सी0 विनियमों/नियमों से आच्छादित हैं, की भाँति समान यू0जी0सी0 विनियमों/आदेशों का पालन करने वाले शासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कार्मिकों को भी मकान किराये भत्ते को लागू करने के आदेश प्राप्त होंगे, जो कि हालांकि कभी भी/आतिथि तक नहीं हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

5.उपरोक्त बिन्दु 4 में वर्णित प्रक्रिया के पूर्ण होने का लंबा इंतजार करने का खराब फल/परिणाम ये प्राप्त हुआ कि प्रदेश सरकार के उत्तराखण्ड शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अपर सचिव द्वारा हाल ही में अपने पत्रांक 15-2-2023 (संलग्नक-5) द्वारा यह वर्णित करते हुए कि शासनादेश 21-12-2021 (संलग्नक-1) के द्वारा मकान किराया भत्ता प्रदान किये जाने सम्बन्धी प्राविधानों को अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों हेतु लागू/अंगीकार किये जाने का कोई अवसर विद्यमान नहीं है, मूल शासनादेश को अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कार्मिकों (पति-पत्नी) पर अनुमन्य किये जाने से मना/इंकार कर दिया गया। इसका सीधा अर्थ यह हुआ कि प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग, जिसके राजकीय व अशासकीय शिक्षकों पर समान यू0जी0सी0 वेतनमान लागू हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पदोन्नति के समान यू0जी0सी0 विनियम अंगीकृत हैं तथा अन्य सभी सेवा शर्तें/नियम/शासनादेश समान रूप से लागू हैं, के बाद भी मकान किराया भत्ते के नियम अलग-2 होंगे, जो कि न तो विधिवत है व न ही नियमानुसार सही है। इस प्रकार 15-2-2023 (संलग्नक-5) के आदेश ने स्पष्ट रूप से निम्नलिखित भेदभाव किए गए हैं।
(अ) राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत पति-पत्नी कार्मिकों दोनों को मकान किराया भत्ते का भुगतान 1-1-2022 से किया गया तथा लगातार प्रदान किया जा रहा है, जबकि-
(ब) राजकीय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में पति व पत्नी दोनों के कार्यरत होने व एक ही आवास में रहने पर पति तथा पत्नी दोनों में से सिर्फ एक को ही मकान किराया भत्ता प्रदान किया गया तथा प्राप्त हो रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश के सम्मानित व यशस्वी मुख्यमंत्री के रूप में आपके द्वारा शिक्षा व रोजगार को जोड़ते व अनुशासित करते हुए प्रदेश के होनहार युवाओं को समुचित सरकारी नौकरी के अवसर प्रदान करने के लिए जो नकल विरोधी कानून, सख्त प्राविधानों के साथ लागू किया गया है उसके लिए हम सभी शिक्षकगण तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारीगण आपको साधुवाद व धन्यवाद व्यक्त करते हें और आशा करते हैं कि आपके सक्षम नेतृत्व में प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में एक ऊँचा स्थान प्राप्त कर सकेगा जहाँ श्रेष्ठ व शिक्षित युवाओं को उचित अवसर प्रदान किये जायेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आपके द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों व शिक्षा में गुणवत्ता के लिए किये गये कार्यों के आलोक में तथा आपके नेत्त्व में पूर्ण विश्वास रखते हुए उक्त बिन्दुओं 1-5 में दिये विस्तृत विवरण (प्रमाण सहित) के आलोक में हम सभी अधोहस्ताक्षरी आपसे निम्नलिखित निवेदन करना चाहते हैं।
(अ)उत्तर प्रदेश की भाँति उत्तराखण्ड में अशासकीय महाविद्यालयों (सहायता प्राप्त) के पति-पत्नी कार्मिकों को मकान किराया भत्ता अनुमन्य किये जाने की अनुमति प्रदान करने का कष्ट करें।
(ए)उत्तराखण्ड के राजकीय महाविद्यालयों में कार्यरत पति-पत्नी को प्रदत्त सुविधा की भाँति मकान किराया भत्ता, अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में भी लागू किये जाने हेतु सहमति प्रदान करने का कष्ट करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

(बी)उत्तराखण्ड के विद्यालयी शिक्षा के अन्तर्गत राजकीय व अशासकीय, दोनों विद्यालयों में कार्यरत कार्मिकों (पति-पत्नी) को प्राप्त हो रहे मकान किराए भत्ते के अनुपालन को दृष्टिगोचर रखते हुए, कृपया अशासकीय महाविद्यालयों के सम्बन्धित कार्मिकों को भी यह सुविधा प्रदान करने हेतु सम्बन्धितों को निर्देशित करने की महति कृपा करें।
(सी)प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के अशासकीय महाविद्यालयों में निराशा फैलाने तथा उत्साह ऊर्जा में कमी करने वाले आदेश दिनांक 15-2-2023 (संलग्नक-5) को रद्द/निलंिबत करने तथा संशोधित आदेश द्वारार अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के कार्मिकों, पति/पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता अनुमन्य कराने हेतु शासनादेश सं0 322 दिनांक 28-12-2022 (संलग्नक-2) को लागू/अंगीकार करने तथा तत्समय आदेश जारी करने हेतु सम्बन्धितों को समुचित आदेश देने की कृपा कर अनुगृहीत करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

माननीय महोदय के सुलभ संज्ञान में यह महत्वपूर्ण तथ्य लाना चाहते हैं कि उच्च शिक्षा निदेशालय, उत्तराखण्ड, हल्द्वानी द्वारा अपने पत्र दिनांक 28-9-2022 (संलग्नक-4) द्वारा उत्तराखण्ड शासन के उच्च शिक्षा विभाग के आदेशों दिनांक 14-7-2022 (संलग्नक-4) के अनुपालन में सम्पूर्ण प्रदेश के सभी राजकीय सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत व आच्छादित होने वाले कार्मिकों (पति-पत्नी) को (जिनमें से दोनों के स्थान पर मात्र एक को ही पूर्व से ही मकान किराया भत्ता नियमानुसार प्राप्त हो रहा है) प्रदान/भुगतान किये जाने वाले मकान किराए भत्ते के मासिक व वार्षिक खर्चें का आगणन पूर्व में ही एकत्रित व संकलित किया जा चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अतः महोदय द्वारा उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कार्यरत शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के व्यापक व नियमानुसार हित में अशासकीय महाविद्यालयों में पति-पत्नी दोनों को मकान किराया भत्ता देने के तत्सम्बन्धी आदेश का निर्णय जारी करने से, उसे तत्काल/यथाशीघ्र पूर्व निर्धारित/घोषित तिथि 1-1-2022 से बिना अधिक देर किये लागू किया जाना संभव हो सकेगा।
यहाँ यह तथ्य भी वर्णित किया जाना समीचीन होगा कि आपके उक्त आदेश से यह भी प्रमाणित होगा कि प्रदेश का उच्च शिक्षा विभाग अपने सभी शिक्षकों व कार्मिकों के अधिकारों व सम्मान के लिए समुचित निर्णय लेने व लागू करने को प्राथमिकता देता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अत्यन्त विनम्रतापूर्वक आपके सादर संज्ञान में लाना चाहते हैं कि आपका यह समभाव रखने का सहृदयस्पर्शी, लोकहितकारी तथा जनहित से जुड़ा निर्णय प्रदेश भर में न सिर्फ सराहा जायेगा वरन् ऐसे सभी लाभार्थियों में पुनः नयी ऊर्जा, उत्साह व जोश का संचार हो सकेगा तथा उनकी कार्यकुशलता में और अधिक वृद्धि दृष्टिगोचर हो सकेगी। पुनःश्च आपसे ससम्मान अनुरोध है कि उक्त के सम्बन्ध में सम्बन्धितों को संशोधित आदेश निर्गत करने के लिये समुचित निर्देश जारी करने का कष्ट करें व हम सभी को कृतार्थ करने की कृपा करें।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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