लंबित मांगों को लेकर शिक्षा महानिदेशालय के समक्ष शिक्षकों और कर्मचारियों ने दिया धरना
विभिन्न लंबित मांगों को लेकर अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के तत्वावधान में आज सोमवार को अशासकीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक कर्मचारियों ने शिक्षा निदेशालय के समक्ष धरना दिया। धरना संघ के प्रान्तीय अध्यक्ष संजय बिजल्वाण की अध्यक्षता में दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर धरने को संबोधित करते हुए संघ के प्रान्तीय सरंक्षक एवं पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष प्रदीप डबराल, जय प्रकाश बहुगुणा ने सरकार और विभाग पर अशासकीय विद्यालयों की उपेक्षा का आरोप लगाया। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष संजय बिजल्वाण, प्रांतीय महामंत्री महादेव मैठाणी ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों एवं शिक्षक कर्मचारियों के साथ विभाग और सरकार लगातार सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। इस सम्बंध में कई बार माँग पत्र भी माध्यमिक शिक्षा एवं प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक को सौंपे गए हैं, लेकिन आज तक उन पर कोई संतोषजनक कार्यवाही नहीं हो पाई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि वर्षों से हो रही जीपीएफ कटौती को बंद कर एनपीएस कटौती के तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे हैं। वर्षों पुरानी तदर्थ की सेवाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा है। तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण के प्रकरण वर्षों से लंबित पड़े हुए हैं। वर्षों से मानदेय में कार्यरत शिक्षकों को तदर्थ किए जाने की प्रक्रिया में कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। उच्च न्यायालय के निर्देशों के बावजूद वित्त विहीन सेवाओं को जोड़कर जीपीएफ कटौती प्रारम्भ नहीं की जा रही है। प्रत्येक शिक्षक कर्मचारियों को चयन एवँ प्रोन्नत वेतनमान के लिए न्यायालय की शरण मे जाना पड़ रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि जनपद टिहरी गढ़वाल एवं रुद्रप्रयाग में अनावश्यक रूप से विगत 6 महीनों से शिक्षकों का वेतन रोका गया है। उन्हें पुरानी पेंशन छोड़कर नई पेंशन योजना के लिए मजबूर किया जा रहा है। अधिकांश प्रकरण शासन एवँ विभाग की उदासीनता के कारण न्यायालय से निस्तारित हो रहे हैं। एक अक्टूबर 2005 से पूर्व की विज्ञप्ति से नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं दिया जा रहा है। 2014 के बाद नियुक्त शिक्षक कर्मचारियों की सामूहिक बीमा कटौती शुरू नहीं हो पाई है। राजकीय विद्यालयों में प्रधानाचार्यो की सीधी भर्ती में अशासकीय शिक्षकों को सम्मिलित नहीं किया जा रहा है। अशासकीय विद्यालयों को समग्र शिक्षा के लाभ वांछित किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस सम्बंध में पूर्व में एक मांग पत्र महानिदेशक शिक्षा, निदेशक माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा को सौंपा गया था। साथ ही चेतावनी भी दी गई कि मांगे समय से पूरी नहीं होने पर संगठन धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर होगा। इसी क्रम में संगठन ने आज शिक्षा निदेशालय के समक्ष धरना दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस बीच शिक्षा महानिदेशक ने आंदोलनरत शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए अपने कार्यालय में आमंत्रित किया। शिक्षकों ने बिंदुवार अपनी समस्याओँ को उनके समक्ष रखा। इस पर शिक्षा महानिदेशक ने अधिकांश मांगो पर अपनी सहमति व्यक्त की। साथ ही संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा पदमेंद्र सकलानी को संगठन के पदाधिकारियों से विस्तारपूर्वक वार्ता कर समाधान करने के लिए निर्देशित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
धरना प्रदर्शन में अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के सरंक्षक प्रदीप डबराल, पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष जय प्रकाश बहुगुणा प्रांतीय अध्यक्ष संजय बिजल्वाण, प्रांतीय महामन्त्री महादेव मैठाणी, प्रांतीय उपाध्यक्ष देवेंद्र कुमार, प्रांतीय मंत्री कपूर सिंह पंवार, प्रान्तीय कोषाध्यक्ष मनमोहन सिंह नेगी, मंडलीय अध्यक्ष शिव सिंह रावत, मंडलीय मंत्री बाल मनोज रावत, ज़िलाध्यक्ष हरिद्वार अरविंद कुमार सैनी, जिलाध्यक्ष चमोली नरेंद्र सिंह रावत, जिलाध्यक्ष रुद्रप्रयाग बलवीर सिंह रौथाण, जिला मंत्री वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल, जिलाध्यक्ष टिहरी गढ़वाल विनोद बिजल्वाण, जिलामंत्री टिहरी गढ़वाल शिव सिंह रावत, आरएन डबराल, आरसी शर्मा, योगेश मिश्रा, अजय शर्मा, श्रीनिवास उनियाल, सुनील पैन्यूली, चन्द्रमणि लखेड़ा, चन्द्र भानु सेमवाल, कमल सिंह बिष्ट, हेमंत रावत, जिलाअध्यक्ष देहरादून अनिल नौटियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष देहरादून दिनेश डोबरियाल, जिला मंत्री विजयपाल सिंह जगवाण, संयुक्त मंत्री गिरीश सेमवाल, यशपाल सिंह बिष्ट, संजय राणा, महावीर भट्ट, हेमंत रावत, यमुना प्रसाद नौटियाल, कुल्वेंद्र राणा, ममता प्रजापति, मीना नेगी, पुष्पा नौटियाल, सरोज मान आदि शामिल हुए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।