उत्तराखंड के शिक्षक और कर्मचारियों को नहीं मिल रहा गोल्डन कार्ड का लाभ, संगठन ने जताई नाराजगी
उत्तराखंड के कर्मचारी और शिक्षक इस बात से परेशान हैं कि उन्हें आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत गोल्डन कार्ड का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके लिए कई संगठन आवाज उठा चुके हैं।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने कहा कि आखिर राज्य ब्यूरोक्रेसी राज्य कार्मिक एवं शिक्षकों को समान स्वास्थ्य लाभ योजना देने में सबसे बड़ी बाधा एवं विरोधी है। सूबे में अटल आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हुए दो वर्ष होने के बावजूद शिक्षक-कर्मचारियो को गोल्डन कार्ड का उचित लाभ अभी तक नहीं मिल सका है। गोल्डन कार्ड में व्याप्त विसंगतियों के कारण सामान्य एवं आपातकालीन कोविड 19 काल में समुचित इलाज न मिलने के कारण कई कर्मचारी-शिक्षक अपनी जान तक गंवा चुके हैं। कार्मिक ही नहीं पेंशनर एवं उनके परिवारजन परेशान हैं।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने कहा कि ब्यूरोक्रेसी आईएएस अधिकारियों ने शिक्षक-कार्मिको के प्रति स्वास्थ्य योजना में दोहरे मापन रखे हैं। उनके अपने खुद के लिए तो केन्द्र सरकार स्वास्थ्य योजना लाभ के साथ ही उत्तराखंड राज्य में भी अपने एवं पारिवारिक सदस्यों के हित लाभ में शासनादेश जारी कर रखे हैं। इससे उन्हें चिकित्सा के सारे हित लाभ मिलते रहे। वहीं, जब कार्मिक, शिक्षक, पेंशनर के स्वास्थ्य सुरक्षा की बात आती है तो सारे कायदे उनके विरुद्ध हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की 20 फरवरी 2021 की संयुक्त बैठक का कार्यवृत के साथ ही प्राधिकरण की ओर से शासन को कई पत्र प्रेषित किए गए हैं। इसके बावूज शासन का रवैया सकारात्मक नहीं है। लिहाजा कार्मिक संगठन अब आन्दोलन के पक्ष में लामबंद होने लगे हैं। यदि सरकार ने समय रहते ब्यूरोक्रेसी के पेंच नहीं कसे तो 2022 के विधानसभा के निर्वाचन पर भी इसका असर पड़ सकता है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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