शिक्षिका सरिता मैन्दोला की नशे के खिलाफ प्रेरित करती कविता-नशा मुक्ति

नशा मुक्ति
अपने पौड़ी गढवाल को,
हमने खुशहाल बनाना है |
नशा मुक्त हो जनपद अपना,
दृढ़-संकल्प ये करना है |
सात्विक प्रवृत्ति होगी सबकी,
हृदय परिवर्तन कराना है |
युवाओं को जागृत करके,
उनमें बुद्धि विवेक जगाना है |
मादक द्रव्यों की तस्करी करते जो,
उनको कठोर दण्ड दिलाना है |
बर्बाद हो गये नशे से जो घर,
उनको फिर से बसाना है |
विभिन्न संगठनों व काउंसलरों को,
अपना मददगार बनाना है |
गाँव-गाँव और शहर,नगर में,
नशा मुक्ति का विगुल बजाना है |
गंवा चुके जो नशे में सब कुछ,
उनमें आत्मविश्वास जगाना है |
अपने इस सुन्दर पौड़ी को,
नशे से मुक्त कराना है |
जन-जन के सहयोग से और,
समाज की एकजुटता से,
नशे के इस दानव को,
हमने जड़ से मिटाना है |
अपनी इस देवभूमि को,
हर नशे से मुक्त कराना है ||
कवयित्री का परिचय
नाम- सरिता मैन्दोला
सहायक अध्यापक, राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय, गूमखाल, ब्लॉक द्वारीखाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड।